लोकतंत्र का पर्व अनुपम , होता है मतदान बड़ा , करता है निर्माण राष्ट्र का , शांति और समृद्धि भरा , जाति धर्म का भेद भाव तज , चुनता है अपना नायक , सत्ताधारी बने विपक्ष वा , होवे नही वे खलनायक , राष्ट्रहित सर्वोपरी रहे , आत्मसेवी हो नही […]

गलत समय में की गई गलत जिद्द के नहीं मिलते कभी भी परिणाम अच्छे ! इस समय होगी यदि हठधर्मिता तो पड़ेगा पछताना , निश्चित ही। जिद्द करना ही हो जरूरी , तो रखें – समय की अनुकूलता और परिस्थितियों का ख्याल बनाएं माहौल ऐसा , जो दे सके वांछित […]

आजकल मैं इंदौर याने मालवा क्षेत्र में हूं। कल प्रधानमंत्री ने इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ को सम्मानित किया, क्योंकि इंदौर दूसरी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। मेरे-जैसे इंदौरी के लिए यह गर्व की बात है। यहां आकर नरेंद्र मोदी ने काफी प्रशंसात्मक और प्रेरणादायक भाषण […]

th jayswal लाख ग़मों का दौर आए तो भी, सबके आगे आँसू बहाना छोड़ दो। लोग तरस खाएं तुम पर,   तो खाने दो। मगर खुद पर तरस खाना छोड़ दो । बुरे दौर में खुद को संभाल के रखो, हिम्मत हार के भटक जाना छोड़ दो । खुद के मेहनत […]

अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल मिलता है पुरुषार्थ करने पर गजब का सुख मिलता है परहित सेवा करते रहो मन को आनन्दित करते रहो सबके अपने हो जाओगे सबके मन मे बसते रहो पराया नही रहेगा कोई दुसरो के दुख हरते रहो हर एक का चेहरे की मुस्कुराहट बनी […]

यह हिन्दुस्तान है भैया, यहाँ रिश्ते मचलते है। त्याग रिश्तों में होता है, रिश्ते भीे छलकते हैं। बहुत मजबूत हैं रिश्ते, मगर मजबूर भी देखे। कभी मिल जान देते थे, गमों से चूर भी देखे। ‘करें सम्मान नारी का” करे दुनिया ये अय्यारी। ठगी जाती हमेशा से, यूँ  ही संसार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।