अभिजीत, प्रथम , मुस्कान और संजय बहुत अच्छे दोस्त थे । माधौपुर की पाठशाला में सभी कक्षा ९ वीं में पढ़ते थे । मुस्कान को तीनों दोस्त अपनी छोटी बहन मानते थे । मुस्कान अनाथ थी और गांव सूरजगढ़ में मौसी के साथ रहती थी । प्रतिदिन चार किलोमीटर पैदल […]

मेरे हर संकट में मिलता , है अविलम्ब सहारा। हे दीनों के नाथ, दीनानाथ तुम्हारा।। नाव करे जब डगमग, मिले न कहीं किनारा। अतुलित छवि हिय में, बसता मुस्कान तुम्हारा।। जब भ्रमित कहीं मन मेरा, पथ दर्शक दिनकर तुम हो। जब व्यथित कहीं मानस हो, शुचि सम्बल प्रभुवर तुम हो।। […]

कल खुद को देखा आईने में और मैं डर गया किसी का कद मेरे रिश्तों पे यूँ भारी पड़ गया जिस शाख में सिमट  कर  ज़िंदगी गुज़ारी थी आज वो जड़ समेत ही मिटटी से उखड गया जिन हसीं  पलों को  समेटा था कल जीने को वक़्त के तूफ़ान  में […]

रमानाथ कई सालों से सपत्नीक धार्मिक यात्रा पर जाने की सोच रहे थे पर हर बार कारोबार की व्यस्तता या कोई न कोई अड़चन उन्हें जाने से रोक देती । पत्नी राधा बेचारी मन मसोस कर रह जाती । उम्र के इस अंतिम पहर में वह अपने पति के साथ […]

“सच कहूं तब मन बिखर जाता है ।।”   जब अंदर से कुछ कहना हो । अनकही कसक को सहना हो।   सब कुछ छूट जाने पल हो । बिखरता आज और कल हो ।   “सच कहूं तब मन बिखर  जाता है ।।”   जब दवा भी ज़हर का […]

जमी थी महफ़िल हुश्न-ओ-शवाब की, उनके साथ डूबना भा गया। निहारा जब नयन-ए-शराब को, तो मुझे अजीब नशा छा गया।। समेट लायी हूं मैं यादों में, झील किनारे बिताए  खुशनुमा पल। इन शरारती नजरो को उनका, इस अदब से मुस्कराना खा गया।। ना जाने कैसी अजब कशिश है, उस शख्श-ए-ख्वाब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।