कहूँ क्या बात मैं चलन की कुरीतियों से   हुयी जकड़ी भारत के अनेक रहन  की कई   दुखद विचारों   की मानसिकता है अगन  सी साक्षरता कहीं किताबी सी भेद करते लोग बेहिसाबी सी लिंग तय करता पुरुष  भ्रूण कोसते स्त्री कोख खराबी की क्या करूं मैं बात चलन की दहेज़ भी […]

मेघा क्यों बृजगाँव में आए नहीं तनिक तुम हमको भाए उलट पाँव अब जाओ पुरी को जहाँ राज मोहन मन छाए । कहना उन बिन ऊसर मधुवन नहीं चहकता अब नंदनवन सूना सूना सब बृजमंडल नहीं महकता है वृंदावन । साँवरिया के मधुर मिलन बिन भला मेघ ऋतु किसे सुहाए […]

       मैं बहुत ज्यादा तनाव में हूँ अब और नहीं सहा जाता…..जैसा कि विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि ये सुसाइड नोट, इंदौर के प्रसिद्ध राष्ट्रसंत माने जाने वाले भय्यू जी महाराज का है। आपाधापी और भौतिकतावादी की इस दुनिया में सबके अपने-अपने तनाव हैं। कोई पैसे के पीछे, कोई कर्जे में, […]

चल रही है झूम के हवाएं, बादलों ने शोर मचाया है । बदला सा मिजाज मौसम का, कोई दस्तक देने आया है ।। रंग बदला है पत्तो ने अपना, पेडों ने गीत गुनगुनाया है । डाली डाली चहक रही, आनन्द हृदय में समाया है ।। सौंधी सौंधी खूश्बु माटी की, […]

अब नहीं शर्मिंदा होंगे, फांसी पर लटकाने से। छिप जाओ किसी बिल में बच नहीं सकते हम वीरों से। नक़ाब हटाने में कुर्सी पलटाने में तानाशाह किसी सैन्य को बनना पड़े तो बन जाने दो। चेतना जागृत सम्यक बोध अधिकारों को समझाना होगा जन जन में भागीदारी का बोध नया भरना होगा। अत्याचारी […]

हम बदलेंगे युग बदलेंगा युग बदलेंगा युग सुधरेगा आचार्य श्रीराम की वाणी है नये भारत की कहानी है मथुरा से जली अखण्ड ज्योति सदसंदेशो की अलख ज्योति हरिद्वार से प्रज्ज्वलित ज्योति पुंज विराट हो गया शांतिकुंज प्रणव पण्ड्या की अगुवाई में समर्पित सेवको की साधना मे देव संस्कृति विश्वविद्यालय बना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।