अपना  समझ कर किया था एतबार, आज वो ही खून के आंसू रुला गया। क्या गिला  शिकवा करें औरों से हम, कोई अपना ही आशियां जला गया । उम्मीद  नहीं  थी  कुछ  सपने  में भी, कोई  अपना  ही  दुनिया हिला गया । जीवन  की  इन  बासंती फिज़ाओं में, कोई  अपना […]

वेद पुराण शास्त्र सारे योग का महत्व बतायें । योग को हम अपनाकर समाज को समृद्ध बनायें । थोड़े आसन हम  नित्य कर काया अपनी निरोगी बनायें । देश के बच्चे बच्चे को योग का हम ज्ञान करायें । बदलती जीवन शैली में योग को अपना लक्ष्य बनायें । यौगिक […]

      दिल पे नशा ये भारी है, सबसे बडी बीमारी है। कुछ पल का नशा सारी उम्र की सजा। फिक्रमंदी बैगर अच्छे-अच्छों को नशे का नशा हो जाता है। नशा चीज ही ऐसी है भाई! फिर क्यों नशे का नशा ना हो। गुमानी में जिधर देखो ऊधर नशा ही है। रसास्वादन […]

हाथ की लकीरो के भरोसे , सुनो ,कभी तुम मत रहना । ये सब कहने की बातें , मन में वहम तुम मत रखना ।। मेहनत का फल मिलेगा जब , पसीना परफ्यूम ज्यूँ महकेगा । खून-पसीना लगेगा तब , भाग्य अपने आप चमकेगा ।। भाग्य का निर्माण स्वयं करेंगे […]

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अहिन्दी भाषी क्षेत्र गुजरात के सुरेंद्र नगर में यदि किसी साहित्यकार और सम्पादक का नाम ससम्मान और प्रमुखता से लिया जाता है तो वे हैं – श्री पंकज त्रिवेदी जी । वे गुजराती बहुल क्षेत्र में हिन्दी का परचम लहराते हुए हिन्दी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने […]

जो  संग  तेरे  चल  रहा                           तेरा  ही  चुनाव  है | हार  तेरी , जीत  तेरी                          तेरा  ही  दाव  है | मिली तड़पति  धूप है   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।