आज स्वार्थवृत्ति इतनी अधिक बढ गई है कि अपने सामान्य स्वार्थ के लिए भी व्यक्ति अन्य जीवों के प्राण ले लेता है। सांप ने नहीं काटा हो तब भी ‘यह विषैला प्राणी है, कदाचित् काट लेगा’, इस भय से उसे मार दिया जाता है। आज स्वार्थी मनुष्य जितना हिंसक व […]

तुम क्यों आते हो सपने में? क्यों नींद से मुझे जगाते हो? मुझमें विश्वास जगाने को, क्यों उलझन में उलझाते हो? ये मरूस्थल सा तपता जीवन, निर्जन वन सा मेरा तन-मन, ये जब प्यासा मारा फिरता है, चलने में सौ बार फिसलता है, थक जाता जल को ढूंढ-ढूंढ, तब मूर्छित […]

चार महीने पहले द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने चेतावनी दी थी कि यदि केंद्र सरकार तमिलनाडु में राजमार्गों पर लगे मील के पत्थरों पर अंग्रेजी मिटाकर हिंदी में लिखती है तो “नया हिंदी विरोधी आंदोलन” छेड़ दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि सरकार का कदम “हिंदी को पिछले दरवाजे […]

इक्कीसवीं सदी के भाषा आंदोलन का स्वरूप क्या होगा? ‘अंग्रेजी हटाओ‘ की जगह ‘अंग्रेजी पचाओ‘ का नारा कैसा रहेगा? क्या हिंदी प्रचार के बदले भारतीय भाषा प्रसार का प्रयास होगा? क्या विरोध प्रदर्शन की बजाय विकल्प निर्माण पर ध्यान रहेगा? भाषा आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर यह सब सवाल मन में उठे. सन् 1967 में 29 नवंबर के दिन बनारस […]

मन कभी चंचल कोमल मन कभी गहन चिंतन में लिप्त कभी अनंत गहराइओ में खोया कभी पक्षी समान भरे उड़ान मन की बाते आँखो की भाषा कुछ नयी अभिलाषा मन पल में अनंत गहराइयां छू जाये मन पल में विचलित पल में स्थिर हो जाये मन की बाते जानना बहुत […]

नई दिल्ली।  विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक आज राजधानी दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी स्मृति दर्शन समिति, में महामण्डलेश्वर पू0 स्वामी राघवानंद जी के आशीर्वचन से प्रारंभ हुई। अपने उद्घाटन उद्बोधन में विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (रिटा0) श्री विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि भगवान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।