देख रही हूँ आखों में सपने इन को हकीकत का नाम दे दो जमीन तो तुम दे नहीं सकते बस मेरे हिस्से का आसमान दे दो हर युग में छली गई फिर भी सहती गई हूँ बहुत हो गई अग्नि परीक्षा, अब तो इनका परिणाम दे दो बस मेरे हिस्से का आसमान दे दो गृहस्थी की गाडी खीँच रही कंधे से कन्धा […]
