स्वच्छता केवल भारत के लिए ही नहीं अपितु समाज , घर और हर व्यक्ति के लिए जरूरी होती है। अब तो इसे अभियान के रूप में भी चलाया जा रहा है। अनेक संस्थाएं भी इस दिशा में जन सामान्य को जाग्रत करने की दिशा में पहल कर रही हैं जिसके […]

बैठ जाता हूँ   अक्सर थक हार कर जब चला न जाये तो पैर  पसार कर रुकने का मतलब ये नहीं की हम डर गए काँटों पर चल कर पहुँचते है मंजिल के उस पार और तभी होती है  जग में जय जयकार चाह मोतियों की सागर में उतरा कई बार मिले हो रतन […]

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16,14 की यति पर तनिक नहीं संदेह भक्ति पर,                       गर्व सदा कुर्बानी का| लिखते लिखते चूक गया तू,                   सच में सार कहानी का|| हे बादल उस दिन यदि तूने,   […]

बारिशों की बूँदें बरसने  लगी, तुमसे मिलने  को  फिर  मैं तरसने लगी, इन हवाओं  ने छेड़ा, मुझे  आज  फिर,  तेरी  खुशबु से मैं फिर महकने लगी प्यार  में ही तुम्हारे  गुमसुम  हूँ मैं, तेरी चाहत में फिर मैं  सवरने लगी. रंग मेरा निखरने लगा और भी, तेरे साय में जबसे […]

बरसात  में रिमझिम फुहार लाए बहार मेघा गरजे भयंकर  बरसे सर्वत्र  पानी बारिश  हुई सूरज छिप गया अंधेराहुआ पानी  बरसा नव जीवन आया जग हरषा भरेगी नाली चले कागज-नाव बजेगी  ताली वर्षा होने से धरती  खिल उठी मन हरषे बरखा  आई खुशियाँ  संग लाई जीवन दायी बदरा घिरे झमाझम  पानी […]

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पूजित था जीवन में ,मानव का प्रेम जहाँ , भक्ति ,प्रेम ,सेवा के वाहक कबीर थे . गाँधी की मानवता सत्य और अहिंसा थी , सहज पथ प्रदर्शक थे ,लाखों की भीड़ में , दोनों ही संत पुरुष ,युग द्रष्टा कहलाये , जीवन उत्सर्ग किया जन पीर में।. ‘विचलित है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।