कम्बख्त ये ज़िन्दगी भी कितने दर्द देती है, कभी भूले तो कभी बिछड़े देती है। बचपन में यारों की पीठ पीछे खिलौने देती थी, अब तो पीठ पीछे यारों के हाथों में ख़ंजर देती है। बचपन में गुड्डे-गुड़ियों की शादी में नाचते थे, अब तो मालिक […]
भारतवर्ष में हिन्दी एक वरदान है, हिन्दी ने बनाई विश्व में अपनी पहचान है। हर अक्षर में हिन्दी अमृत घोलती, भारत की जनता है जो हिन्दी बोलती। शब्द-शब्द इसका प्राणवायु संस्कृति की फूंकता, जग सारा हिन्दी के इर्द-गिर्द ही घूमता। भारत के मस्तक की भाल है हिन्दी, भारत की […]
देसी के साथ जब से विदेशी टमाटर आया है,देसी कुछ ज्यादा ही भाव खा रहा है। विदेशी के भाव तीसरी मंजिल पर तो,देसी के भाव आसमान पर। देसी खाकर कोई लाल हो रहा है,तो कोई उसके भाव सुनकर लाल हुआ जा रहा है। जो खरीद रहा है वो लाल है,जो […]
ज्ञान मिला घनघोर मिला, बोलन लागे सब अंग्रेजी बोल.. अंग्रेजो की ‘अंगेजी’ के देखो पीछे पड़ गए भारत के सिर-मौर मातृ भाषा छोड़न लागे जब से … सुन लो इसके परिणाम , धीरे-धीरे विदेशी तर्ज पर जा रहा है, मेरा भारत महान। संस्कृति सभ्यता सब भूल रहे, नहीं किसी को […]
बादलों से उनका लगाव था, दामिनी के प्रति उनका झुकाव था, भ्रामरी से वे बातें करती थी, कोयलिया-सी कूक उत्साह भरती थी, तितलियां भी मदमस्त हो उड़ती थी, पास आकर उनके उनसे जुड़ती थी, अचानक , बादलों का मृदंग बजाना बन्द हो गया, दामिनी का कड़कना मन्द हो गया, भ्रामरी […]
बिना बेटियों के सूनापन होता है घर-बार में। सारे जहान की खुशियाँ लाती बेटियाँ परिवार मेंll महके उनके होने से ही हर घर का हर कोना है। इतना प्यार बाँटती बेटी,फिर काहे का रोना हैll पालो इनको खूब दुलार से,मत करना कोई भूल। दुकान-बाजार में नहीं बिकता ये […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।