प्यारी बेटियाँ

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sunil khinchi
बिना बेटियों के सूनापन होता है घर-बार में।
सारे जहान की खुशियाँ लाती बेटियाँ परिवार मेंll 
 
महके उनके होने से ही हर घर का हर कोना है।
इतना प्यार बाँटती बेटी,फिर काहे का रोना हैll 
 
पालो इनको खूब दुलार से,मत करना कोई भूल।
दुकान-बाजार में नहीं बिकता ये बगिया का फूलll 
 
हर बेटा श्रवण नहीं होता,न बन सकता है राम।
पर हर बेटी सीता होती,करे मात-पिता का नामll 
 
बेटी है देवी का रूप,छोड़ें नहीं मंझदार में।
करो हिफाजत इनकी हरदम भेड़ियों से संसार मेंll 
 
मत मारो तुम इनको कोख में,मैं करता हूँ आलाप।
रुक जाएगी वंश की वृद्धि,और मिट जाओगे आपll
                                                                   #सुनील खींची सुधाकर 
परिचय : सुनील खींची काव्य पाठ भी करते हैं।आपकी शैक्षिक योग्यता बीएड और स्नातकोत्तर(अंग्रेजी साहित्य) है। निवासी खेड़ली रेल (जिला-अलवर, राजस्थान) में है।

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One thought on “प्यारी बेटियाँ

  1. बहुत अच्छी कविता है भैया जी

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