हिन्दी से ही मेरा भारत महान

0 0
Read Time1 Minute, 52 Second
sunil vishw
ज्ञान मिला घनघोर मिला,
बोलन लागे सब अंग्रेजी बोल..
अंग्रेजो की ‘अंगेजी’ के देखो पीछे पड़ गए भारत के सिर-मौर
मातृ भाषा छोड़न लागे जब से …
सुन लो इसके परिणाम ,
धीरे-धीरे विदेशी तर्ज पर जा रहा है,
मेरा भारत महान।
संस्कृति सभ्यता सब भूल रहे,
नहीं किसी को ज्ञान..
कौन छोटा-कौन बड़ा यहां नहीं
करता कोई ध्यान।
बेटे अब माँ-बाप को पहुंचा रहे
आश्रम अनाथ,
बहनें लगती है घर में जैसे कोई पहाड़
हो महान।
लड़कियां लज्जा छोड़ रही
बन गई ‘जेंटलमैन’,
कपड़े छोटे कर लिए विदेशी फैशन
हो गए मैन।
बीबी राह देख रही पति की
बज गई रात की दस,
पति दूसरी नार संग बारों में
बैठा है चंग।
सब उल्टा-पुल्टा हो रहा,
सुन लो जरा ध्यान लगाए..
हिन्दी अपनी माता है इसको
न भूलो भाई।
राम की रामायण,कृष्ण की गीता,
शौर्य,संयम,सभ्यता और ज्ञान का
यहाँ अखंड भंडार है,
उठो और बोलो जरा,
‘हिन्दी’ से ही आज मेरा
भारत महान है॥

                                                                           #सुनील विश्वकर्मा

परिचय : सुनील विश्वकर्मा मध्यप्रदेश के छोटे गांव महुआखेड़ा (जिला गुना) के निवासी हैं। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गांव एवं बाद की इंदौर से (स्नातकोत्तर)प्राप्त की है। आप लिखने का शौक रखते हैं।वर्तमान में इंदौर में प्राइवेट नौकरी में कार्यरत हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हे भारतीय राजनीति के कलंकों...

Tue Aug 1 , 2017
हे भारतीय राजनीति के कलंकों, अब तो देश को बख्श दो, आज़ादी से आज तक देश को छला, अब तो कुछ उत्थान हो जाने दो। अपनीकुर्सी न जाए तुम चलते हो गंदी चालें, कभी जाति, कभी धर्म, कभी भाषा की खड़ी करते हो दीवारें, आज भी देश ढो रहा है […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।