संसद की गरिमा आज इतनी लाचार है उसके ही नुमांइदे करते आज उसका बलात्कार है। गूंजती थी कभी जहां,  पुरोधाओं की गंभीर -वाणियां. आज है वहां केवल,  कर्ण- कटु-भद्दी गालियां। खेल-घर है , खेलते सब,  जाति- धर्म के कार्ड से. गरीब- दलित-आरक्षण की,  होती बहुत कबड्डियां। सर्वोच्च -पद भी अब, […]

करते है भाई करते है,सब अपना अपना काम। चाहेगा जब ऊपर वाला,तभी होगा तेरा नाम।। नंगे पांव धूप में दिन रात करते है कुछ लोग काम। कुछ लोगो की किस्मत में धन बहुत,चाहे करे वो आराम।। भाग्य जब तेरे साथ में,धन संपत्ति आएगी आपार। भाग्य धोखा दे अगर,कुछ भी न […]

तेरी दोस्ती बोतल के ढक्कन सी हैं तेरी दोस्ती दूध के मक्खन सी  हैं तेरी दोस्ती फूलों के भंवरों सी हैं तेरी दोस्ती सागर की लहरों सी हैं तेरी दोस्ती घर के छप्पर सी हैं तेरी दोस्ती काली के खप्पर सी हैं तेरी दोस्ती ताले की चाबी सी हैं तेरी […]

गोंदिया। इस सदी के महान गीतकार-कवि व पद्मश्री-पदमभूषण अलंकरणों से सम्मानित गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ के देहावसान पर उन्हें स्मरण करने एवं श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु रविवार दि. २२ जुलाई को भिन्नभाषी साहित्य मंडल गोंदिया द्वारा पूर्व नगराध्यक्ष कवि के. बी. चौहान के सूर्याटोला निवास पर दोपहर ३.०० बजे श्रद्धांजलि सभा […]

गोंदिया। स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारी अमर सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर भिन्नभाषी साहित्य मंडल द्वारा दि.२३ जुलाई सोमवार को संध्या समय सुभाष उद्यान स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे पुष्पांजलि अर्पित की गई। अध्यक्षता डॉ. बी. पी. जुनेजा ने की। बतौर प्रमुख अतिथि कविवर रमेश शर्मा ने स्वाधीनता […]

बहुत जखम  सह लिए मगर निशान अब भी बाक़ी है, लाख दिए हैं इम्तहान  पर अंजाम अब भी बाक़ी है. गिराते रहे तुम सितम की बिजलियाँ  हर  मोड़ पर, मगर इस सफ़र की मंजिल अब भी बाकी हैं. रूहों को मिलाने की करते रहे  नाकाम कोशिश, फरेबी चेहरो पर झूठ के नकाब अब भी बाक़ी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।