भारत देश महान है, हम ऋषियों की संतान हैं.. राम कृष्ण खेले इसी धरा में, सिय उमा रही इसी चमन में.. ऋषियों मुनियों की चिंतन धरा आरोग्यम विकास का मंथन धरा, है ये भारत देश की धरा हर भारतीय जहाँ तिरंगा धरा, तिरंगा जिसकी शान है तिरंगा वीर जवानों का […]

कविता का पहले  हुआ,जन्म,सुनो श्रीमान। तब  संस्कृत  में  हैं  बने,मात्रा, छंद, विधान॥ मात्रा, छंद, विधान,बात भाषा की आई। संस्कृत सबकी मात,रीत हिन्दी अपनाई॥ सुनो सखा ‘उत्कर्ष’,काव्य पथ की यह भविता। हिन्दी कहती आप,बाद प्रगटी तब कविता॥                             […]

सोलह-सोलह पर लिखो, चार चरण धर ध्यान। चौपाई  का है यही, मित्रों  छंद विधान॥ सोलह से तुम चरण सजाओ। चौपाई मिल सभी  रचाओ॥ जगण-तगण अंत नहीं लाना। चल विधान पर छंद रचाना॥ दो लघुओं संग गुरू को रखना। उचित अंत को समझो  रसना॥ चौपाई   के  साथ में, है दोहा […]

पूछिए मत क्यों हमारी शोखियाँ कम पड़ गईं। जिंदगी गुजरी है ऐसे आंधियाँ कम पड़ गईंll  भूख के मंजर से लाशों ने किया है यह सवाल। क्या ख़ता हमसे हुई थी,रोटियां कम पड़ गईंll  जुर्म की हर इंतिहा ने कर दिया इतना असर। अब हमारे मुल्क में भी बेटियां कम […]

मात-पिता की महिमा वो जो,कोई नहीं लिख पाया है। माँ  ममता  की  देवी  जग में,पिता सदा सुख साया है। मैंने नन्हें कदम रखे जब,सबने खुशी मनाई थी। बहुत दिनों के बाद आज इस,आँगन खुशियां आई थी। नाक नक्श सब गए मात पर,पिता रूप तन पाया है। माँ ममता की देवी […]

1]बस्ता सब  बच्चों पर  भारी है। पढ़ना-लिखना जब लाचारी है। शिक्षा  इक  ऊँचा   मंसूबा  है, इसका  लेकिन  खर्चा भारी है। पूरब पर पश्चिम का रुतबा पर , ये  पीढ़ी  उसकी  आभारी   है । पढ़े  लिखों में  बिसरी  बेगारी, अनपढ़ अनगढ़  सत्ताधारी है। लायक  सारे  नाप   रहे  रस्ते, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।