तिरंगा

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naveen tiwari
भारत देश महान है,
हम ऋषियों की संतान हैं..
राम कृष्ण खेले इसी धरा में,
सिय उमा रही इसी चमन में..
ऋषियों मुनियों की चिंतन धरा
आरोग्यम विकास का मंथन धरा,
है ये भारत देश की धरा
हर भारतीय जहाँ तिरंगा धरा,
तिरंगा जिसकी शान है
तिरंगा वीर जवानों का मान है,
तिरंगा अमर शहीदों की शान है..
तिरंगा हर भारतीय की जान है।
तिरंगा ऊँचा रहे हमारा,
है ये सारे जग से प्यारा..
फहर-फहर तिरंगा फहराए,
लहर-लहर दुश्मन घबराए..
अरुणोदय रश्मि से लिए केसरिया,
भोर की सफेदी उसमें डाली,
साँझ की सुरमई हरा मिला
देखो सुन्दर तिरंगा बना,
चौवीसों घंटे चलता दिनकर..
चौवीस तीली चक्र के अन्दर,
सुदर्शन बना देखो चक्र हमारा..
विकास उन्नति का रहे नजारा,
बहन निवेदिता ने दिया सर्वप्रथम..
कामाँ ने बनाया सुंदर,
ऐनी बेसेंट ने मान दिलाया..
पिंगली वेंकय्या ने इसे पुनः बनाया,
हर भारतवासी ने इसे अपनाया..
२२ जुलाई १९४७ को अपनाया,
स्वतंत्र भारत में इसे फहराया..
हर जन गण ने इसे अपनाया,
सबसे प्यारा सबसे न्यारा..
सब भारतीयों का एक ही नारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा..
तिरंगा है सबसे प्यारा।
                                                                                            #नवीन कुमार तिवारी ‘अथर्व’ 
परिचय: नवीन कुमार तिवारी ‘अथर्व’ की जन्म तिथि ४ मार्च १९५९ है। शिक्षा  बी.काम. है। आप काव्य लेखन में मुक्तक,व्यंग्य लेखन आदि लिखते हैं। ब्लॉग पर भी सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ के जिले दुर्ग में नेहरु नगर( पूर्व भिलाई नगर)में आपका निवास है। 

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