हिम्मत हार मत बंदे, किस्मत रंग लाएगी। रुलाया है यदि तुझको, तो एक दिन हंसाएगी । मिलेगा फल तुझे मीठा, रख ले सब्र तू थोड़ा। अपनाएंगे वो तुझको, जिन्होंने आज है छोड़ा। कमर तू कस ले आे यारा, अब कुछ कर दिखाना है, ना दे साथ यदि कोई , अकेले […]

👧🏻मत मार मुझे जीवन दे माँ, मुझको भी दुनिया देखने दे, मैं तेरे दिल का टुकड़ा हूं, फिर क्यों मुझ पर ही वार करें। मत मार मुझे … 👧🏻 तू भी तो एक नारी है माँ, फिर क्यों नारी का अपमान करे, तू दिल है मैं तेरी धड़कन, फिर क्यों […]

जीवन की आपाधापी में, हम कुछ ऐसे व्यस्त हुए। फिकर रही ना स्वास्थ्य की, हम कुछ ऐसे मस्त हुए। क्या है अच्छा ,क्या है बुरा, इसकी परख ना हमने की। बांधकर पट्टी आंखों पर, भेड़ चाल है हमने चली। सारे एशो आराम की खातिर, खूब कमाई हमने की। तन तो […]

सारे देश में छाईं खुशियां, जन जन हुआ है भाव विभोर। घर-घर में बनी सेवइयां, होने लगा गीतों का शोर । कर लो याद जरा उनकी भी, जो करते हैं रक्षा सरहद की। हर पल जान हथेली पर रखकर, करते हैं रक्षा मां बहनों की। त्यौहारों पर जब हम सब, […]

पृथ्वी से सीखो, धीरज रखना सुख दुःख सारे हंसकर सहना। अम्बर से सीखो ,सबको ढकना, अपना पराया कभी ना करना। नदियों से सीखो,हर पल चलना, थक हार कर कभी ना रुकना। पर्वत से सीखो,सिर उठा कर जीना, दुष्टों के आगे कभी मत झुकना। चींटी से सीखो ,मेहनत करना, जीवन में […]

बोझ ना समझो बुजुर्गो को तुम, बुजुर्गों से ही है वजूद तुम्हारा। बुजुर्ग ना होते तो तुम कैसे होते, नामों निशान ना तुम्हारा होता। रूखा सूखा खुद ही खा कर, अच्छा भोजन तुम्हे खिलाया। कितनी रातें खुद ना सोए, लोरी गा कर तुम्हे सुलाया। उंगली पकड़कर चलना सिखाकर, अच्छे बुरे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।