नवरात्र पंचम दिवस विशेष कविता रुप सौंदर्य लिए अद्वितीय आभा स्कंद कुमार (कार्तिकेय)की माता । चार भुजा कमलासन पर विराजे पुत्र नाम से कहलाई स्कंद माता ।। विशुद्ध मन को शुद्ध करती माता करती हर मुराद पूरी स्कंद माता । संतान प्राप्ति की मनोकामना भी करती पूरी जो भक्त द्वार […]

प्रीत से सब जीना सीखे गैर को अपना बनाना सीखे सद व्यवहार हो सबके प्रति निर्लेप भाव अपनाना सीखे जगत में पराया कोई नहीं सब है ईश्वर की संताने भाषा,मजहब अलग अलग आत्मा एक सी विदेही हो बाते संसार एक कुटुंब वृक्ष है प्यारे सब मानव इसके पत्ते हरा भरा […]

चंद्रमा की तरह शीतल मस्तिष्क घंटे की तरह मधुर स्वर सात्विक । कंचन-सी कायाधारी माँ चंद्रघटा देती संदेश कार्य करों परमार्थिक ।। माता का तृतीय स्वरूप माँ चंद्रघंटा करती सारे कार्यसिद्धि माँ चंद्रघंटा । चढावें जो दूध,पुष्प, अक्षत,कमुकुम करें उसकी अनुकूल सुख – संपदा ।। सारे भय को दूर करें […]

नौ देवियों मे प्रथम पूज्यनीय माँ शैलपुत्री आदिशक्ति हैं शैलराज हिमालय पुत्री ।त्रं दायें त्रिशूल , बायें  भुजा  मे लिए फूल देने आई  अपार  आशीष  माँ शैलपुत्री ।। श्वेत वस्त्र  और  वृषभ पर सवार होकर आवें पुष्प,नारियल,पान,सुपारी माता को चढावें । करती सारे कष्ट दूर,भर भंडार भरपूरे माँ के दर […]

पूर्वज हैं हमारी जिंदगी का व्याकरण जिन्होंने   किया  सबकुछ  समर्पण । इनके सद्गुणों का करें हम आचरण पितृगण हैं  हमारे  संस्कारों का दर्पण ।। गाय,स्वान,काग,ब्राह्मण को करें अन्न अर्पण क्योंकि श्राद्धपक्ष में करतें पितृ धरा पर भ्रमण । धूप-ध्यान से होता पितृदोष,ऋण निवारण विधि – विधानसे करें हम इनका तर्पण […]

मालवा – निमाड की संस्कृति हैं संजा बेटियों की मधुर अभिव्यक्ति हैं संजा ।। परस्पर प्रेमभाव की अनुभूति हैं संजा संघर्षों में जीने की आदिशक्ति हैं संजा।। परिवार संचालन का गुणगान हैं संजा बेटियों का  मान – सम्मान  है संजा ।। लोकगीतों   की  पहचान   हैं   संजा बेटी बचाओं-बेटी पढाओं का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।