# गोपाल कौशलपरिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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पूर्वज हैं हमारी जिंदगी का व्याकरण
जिन्होंने किया सबकुछ समर्पण ।
इनके सद्गुणों का करें हम आचरण
पितृगण हैं हमारे संस्कारों का दर्पण ।।
गाय,स्वान,काग,ब्राह्मण को करें अन्न अर्पण
क्योंकि श्राद्धपक्ष में करतें पितृ धरा पर भ्रमण ।
धूप-ध्यान से होता पितृदोष,ऋण निवारण
विधि – विधानसे करें हम इनका तर्पण ।।
सर्वपितृ अमावस्या करें पितृो का स्मरण
तिल,जौ,जल को श्रद्धा से करें अर्पण ।
पूर्वजों के सपनों का हम करें नवसृजन
तभी सफल होगा हमारे पितृगणों का तर्पण ।।
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