एक ग़ज़ल

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rajindar bagga

ज़िन्दगी तुझसे पाया बहुत है
पर यार… तूने सताया बहुत है

समंदर की प्यास थी,दिये चंद क़तरे
उस पर भी तूने जताया बहुत है

दी तो ज़रूर तूने दो जून रोटी
पर रात दिन भगाया बहुत है

यह सोचकर, तू कभी तो सुधरेगी
साथ तेरा मैंने निभाया बहुत है

जब भी तुझसे कोई सवाल किया है
जवाबों में तूने उलझाया बहुत है

जिस ने भी तुझको सदाबहार समझा
वो शख़्स बाद में पछताया बहुत है

न बदली तेरी बेवफ़ाई की फितरत
ज़ालिम तुझको आज़माया बहुत है

है कैसी ये हवा आज के दौर की
हर बशर तुझसे , घबराया बहुत है

क्या हुआ जो तूने तन्हा कर दिया
‘राज’ के लिए उसका, साया बहुत है

#राजिन्दर सिंह ‘बग्गा’

नाम :- राजिंदर सिंह ‘बग्गा’
पुत्र :- करतार सिंह ‘बग्गा’
पता : अमृतसर, पंजाब
ग्रैजुएशन की है. एक व्यवसायी हूँ और शौकिया शायरी करता हूँ. गायकी का शौक है मुहम्मद रफी नाईटस में हिस्सा लेता रहता हूँ और हर शनिवार गुरद्वारा में कीर्तन करता हूँ. 70 के दशक में मेरी रचनाएँ (गज़ल और कहानियाँ) दैनिक पंजाब केसरी में प्रकाशित होती रहीं हैं
आजकल फेसबूक पे अपनी रचनाएँ पोस्ट करता हूँ

 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।