मैं और तुम

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तुम बिखरें घरों को जोड़ने वाले,
दो टूटे  हदयों को जोड़ने वाले,
मैं
बने बनाये घरो को तोड़ने वाला,
दो
की छोड़ो ,तीन की छोड़ो न जानें कितनो के ह्दय को तोड़ने वाला?
इसे क्या नाम दूँ?
भूल कहूँ?
नही-नही,
यह तो एक और भूल है।
इसे कहूँ प्रवंचना,
जो आपके साथ हुई।
प्रवंचना का कँहा मिला
दण्ड?
जो औरो को मिला करता है।
पर क्या?
बिखरे ह्दय भी माफ़ किया करते है?
मैनें देखा एक विशाल खंडित ह्दय को,
जो धीरता से धरती को भी
लज्जित करता हैं।
वह अपनों के आगे सब कुछ न्यौछावर किया करता है।
ह्दय की अग्नि में ज्वलित
चिंगारी के भाग लिये,
वे शबनम के भाव लिए फिरता है।
खुद खंडहरौ के अवशेष लिए बैठा है,
पर मानवता के महलो की आश लिए फिरता है।

वह मर चुका है,
लेकिन ह्दय में,अब भी
शेष स्वांस लिए जिता है।

#सतवीर गोस्वामी
पल्लू

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।