मेरी माँ के जैसी न माँ हो….

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सबकी माँ के जैसी माँ हो
मेरी माँ के जैसी न माँ हो।
छाती का न दूध पिलाये
रोता देख पलट सो जाये
समझे बेदना न पीड़ा की
सीने से न कभी लगाये।
सबकी माँ के जैसी माँ हो
मेरी माँ के जैसी न माँ हो।
प्यास से तड़पे बूंद-बूंद के
प्राण निकल बच्चे के जाये
ऐसी माँ निःसंतान रहे जो
हारी-बीमारी पास न आये।
सबकी माँ के जैसी माँ हो
मेरी माँ के जैसी न माँ हो।
         #श्रवण राज ‘लयरिसिस्ट राज’
परिचय :
नाम-श्रवण राज
उपनाम-लयरिसिस्ट राज
वर्तमान-शाहजहांपुर
राज्य-उत्तर-प्रदेश
शहर-शाहजहांपुर
शिक्षा-ग्रेजुएशन
कार्यक्षेत्र-गीतकार
विधा- कम्पोजिंग
प्रकाशन-कुछ प्रिंट मीडिया (2010-2011)
सम्मान- कोई नही।
ब्लॉग-कोई नही।
अन्य उपलब्धियां-फ़िल्म प्रोडक्शन वर्किंग मुंबई और निरंतर अपडेट सांग फेसबुक सोशल नेटवर्क।
लेखन का उद्देश्य- स्वतंत्र रहना।

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