भिखारी   

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suresh sourabh

उसका हिंदी के प्रवक्ता पद पर अनुमोदन विश्वविद्यालय के निर्धारित सरकारी प्रवक्ताओं ने कर दिया। फिर फोटोबाजी हुई। सेल्फ फाइनेंस कालेजों के रिवाज और विश्वविद्यालय के मिजाज के अनुसार अनुमोदन करने वाली टीम को पांच -पांच हजार के पैकेट कालेज के प्रबंधक ने सौंपे। सभी धीरे- धीरे अपनी जेबो में पैकेट सरका कर गऊ की तरह  बिलकुल शांत भाव से चल दिए।
फिर प्रबंधक अपने उस अनुमोदित टीचर को लेकर चला। तभी अचानक एक भिखारी टकरा गया। वह गिड़गिड़ाने लगा। प्रबंधक ने उसे हड़का कर किनारे किया। अब सेल्स फाइनेंस कालेज का वह अनुमोदित हिंदी प्रवक्ता सोच रहा था कि असली भिखारी कौन है, वो पैकेट लेने वाले या सामने से टकराया यह दीन -हीन मनुष्य।

                #सुरेश सौरभ

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