बहुत करते हो तुम गुस्सा खफ़ा नाराज़ होते हो बड़ी आँखे दिखाते हो डराकर जान लेते हो। बहुत करते हो तुम गुस्सा खफ़ा नाराज़ होते हो। निकल जाये न सीने से दहशत में न पड़ जाये बहुत ज़िद्दी किसम के हो देख तबियत बिगड़ जाये। बहुत करते हो तुम गुस्सा […]

आज कर फिर बहाना तू मेरा दिल बहलाने का मुझे तेरी बुरी आदत देख सब भूल जाने का। आज कर फिर बहाना तू मेरा दिल बहलाने का। तेरे हर लफ्ज़ को मैंने सर-माथे लगाया है उठी उँगली किसी की गर कदमों पर झुकाया है मुझे तेरी बुरी आदत देख सब […]

करता हूँ तुझसे ये वादा तुझे न मैं भुलाऊँगा तू जाये जितनी मर्तवा रूठ तुझको मनाऊँगा। करता हूँ तुझसे ये वादा तुझे न मैं भुलाऊँगा। माना है तेरी आदत बहाने सौ बनाने की बात हर बात पर लड़ना बेबज़ह रूठ जाने की तू जाये जितनी मर्तवा रूठ तुझको मनाऊँगा। करता […]

तेरी रुस्वाइयां जितनी उनका ख़ाका बना लो तुम कहीं कुछ छूट न जाये लफ्ज़ हर दोहरा लो तुम। तेरी रुस्वाइयां जितनी उनका ख़ाका बना लो तुम। लिखो कागज कलम लेकर मोहर उसपर लगाता हूँ रूह तक होगी सुनवाई गिले-शिकवे मिटाता हूँ कहीं कुछ छूट न जाये लफ्ज़ हर दोहरा लो […]

सबकी माँ के जैसी माँ हो मेरी माँ के जैसी न माँ हो। छाती का न दूध पिलाये रोता देख पलट सो जाये समझे बेदना न पीड़ा की सीने से न कभी लगाये। सबकी माँ के जैसी माँ हो मेरी माँ के जैसी न माँ हो। प्यास से तड़पे बूंद-बूंद […]

मेरे कुछ पास हैं किस्से तेरी-मेरी कहानी के निखरती धूप चेहरे पर रंग बारिश के पानी के। मेरे कुछ पास हैं किस्से तेरी-मेरी कहानी के। अभी तस्बीर में ओझल सभी कल जो हक़ीक़त थे साथ चलते थे वो मेरे लम्हें जो खूबसूरत थे निखरती धूप चेहरे पर रंग बारिश के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।