आँसू आँख भिगोने में

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yogendra morya
किसी काम के
नहीं पिता अब
पड़े हुये हैं कोने में
बड़ी नखरची
मिली बहुरिया
रोज बदलती भाषा
नहीं समय पर
रोटी-पानी
बढ़ती रोज निराशा
लगे है ऐसे
गयी रोशनी
आँसू आँख भिगोने में
परछाई भी
आती-जाती
घर के अंदर-बाहर
घुड़क रही है
ऐसे देखो
जैसे गरजे नाहर
पिचकी आँते
अंधी आंखें
दाने ढूढें दोने में
हिम्मत हारे
बैठ गयी है
काँपा करती काया
आँख मूँद
आहत मन सोचे
कैसी प्रभु की माया
साँस-साँस
मजबूर हुई हैं
इन रिश्तों को ढोने में
#योगेन्द्र प्रताप मौर्य
नाम-योगेन्द्र प्रताप मौर्य
साहित्यिक उपनाम-••••••
वर्तमान पता-ग्राम-बरसठी,पोस्ट-बरसठी,जिला-जौनपुर
राज्य-उत्तर प्रदेश
शहर-जौनपुर
शिक्षा-स्नातक(विज्ञान)
कार्यक्षेत्र-अध्यापन
विधा -गीत/नवगीत
प्रकाशन-साझा संग्रह प्रकाशित,सूरज चाचा हाय हाय(इक्यावन बाल कविताएँ)
सम्मान-प. प्रताप नारायण मिश्र युवा साहित्यकार सम्मान,
अन्य उपलब्धियाँ-सर्वश्रेष्ठ रचना प्रमाण पत्र
लेखन का उद्देश्य- साहित्य सेवा

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।