परीक्षा

0 0
Read Time1 Minute, 23 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
काश !
मैं भी ले पाता…
परीक्षा की परीक्षा..
कसता उसे हर कसौटी पर
जाँचता..
उसकी सच्चाई
ज्ञान, योग्यता..
मैं भी दे पाता उसे अंक,
निकालता उसका प्रतिशत.
हानि लाभ.
गुण अवगुण..
उसको भी मिलता..
अनुक्रमांक..
वो भी लगती लाईन में..
बैठती .. कतारबद्ध.
उसे भी मिलता जीवन
का प्रश्नपत्र !
वो भी सकपकाती…
घबराती…
कंपकंपाती..
लिखती..
कुछ सही कुछ गलत..
करती इंतजार..
परिणाम का..
वही असमंजस..
वही चिन्ता की रेखायें..
होतीं..
उसके भी माथे…
तब लगता..
ये हुयी परीक्षा..
*पर ये सब*
*काश ! ही रहेगा*..
क्योंकि
हम नहीं हो पाते
खाली..
अपनी ही परीक्षाओं से..
बचपन, जवानी,
कमाई की परीक्षा..
अच्छे पुत्र, पति, पिता की परीक्षा.
अच्छे नागरिक,
सदस्य समाज देश
की परीक्षा.
दूसरों के सुख दुख का
ख्याल रखने की परीक्षा..
और इन्हीं को देते देते
भूल जाते हैं..
*अपना अस्तित्व*…
और फिर अन्त में लग जाते हैं…
एक और परीक्षा में..
अपने *अस्तित्व* को बचाने में..
रह जाती है बहुत दूर..
*परीक्षा की परीक्षा..*
                                      #गणतंत्र औजस्वी

Arpan Jain

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

क्षणिक सुंदरता

Sat May 5 , 2018
तन की सुंदरता क्षणिक है मन की सुंदरता अविराम तन को लेकर अहंकार कैसा फिसलती रेत ही जान जो आज है वह कल नही फिर तो यह तन भी नही आत्मा सदा ही रहती अमर तन तो वस्त्र है कितने ही बदल देहभान छोड़कर विदेही बनो परमात्मा के प्यारे बच्चे […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।