मां कहकर जब हम रोते थे…

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shravan raj
माँ कहकर जब हम रोते थे
लगते थे गले चुप होते थे
सुनते थे कहानी परियों की
तब आँख बन्द कर सोते थे।
मां कहकर जब हम रोते थे
लगते थे गले चुप होते थे।
चलते थे पकड़कर हम उँगली
घर-आँगन में जब गिरते थे
खेलते थे मिट्टी के खिलौने
मिट्टी के घर होते थे।
मां कहकर जब हम रोते थे
लगते थे गले चुप होते थे।
जब करूँ शरारत कान पकड़कर
खड़े बापू के होते थे
गुस्से में जब होते थे तब
छपरी तान के सोते थे।
माँ कहकर जब हम रोते थे
लगते थे गले चुप होते थे।
          #श्रवण राज ‘लयरिसिस्ट राज’
परिचय :
नाम-श्रवण राज
उपनाम-लयरिसिस्ट राज
वर्तमान-शाहजहांपुर
राज्य-उत्तर-प्रदेश
शहर-शाहजहांपुर
शिक्षा-ग्रेजुएशन
कार्यक्षेत्र-गीतकार
विधा- कम्पोजिंग
प्रकाशन-कुछ प्रिंट मीडिया (2010-2011)
सम्मान- कोई नही।
ब्लॉग-कोई नही।
अन्य उपलब्धियां-फ़िल्म प्रोडक्शन वर्किंग मुंबई और निरंतर अपडेट सांग फेसबुक सोशल नेटवर्क।
लेखन का उद्देश्य- स्वतंत्र रहना।

Arpan Jain

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।