भगवान बुद्ध की प्रज्ञा करुणा व समता को आत्मसात करना होगा : आलोक कुमार  

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vinod bansal

नई दिल्ली|

अप्रेल 30, 2018. भगवान बुद्ध की प्रज्ञा करुणा व समता की शिक्षा से ही विश्व शान्ति संभव है. विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आज प्रात: दक्षिणी दिल्ली के बुद्ध विहार में दर्शन-पूजन के उपरान्त कहा है कि भारत की पावन धरा पर अवतरित भगवान बुद्ध ने दुनिया को सत्य, अहिंसा, करुणा, प्रज्ञा, समता (सामाजिक समरसता) का संदेश देकर एक भेदभाव मुक्त समाज की स्थापना की थी. विश्व शान्ति के लिए आज उन सिद्धांतों की   पुन: प्रतिष्ठा की महती आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि गत सप्ताह हम नव नियुक्त विहिप पदाधिकारियों को महाराष्ट्र में बाबा साहेब अम्बेडकर जी की दीक्षा भूमि के दर्शन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ. बौद्ध धर्म की तुलना साम्यवाद से करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहेब डा अम्बेडकर ने स्वयं कहा था कि यह तुलना बेमानी है. साम्यवाद जबरदस्ती करता है जबकि भारत की धरती पर जन्मा बौद्ध धर्मं अहिंसा व करुणा का उपासक है.     

     इस अवसर पर उपस्थित जगत्ज्योती बौद्ध विहार के प्रभारी भिक्षु भदंते करुणानन्द महाथेरो ने कहा कि जिस पवित्र स्थल पर आज हम बैठे हैं, सैंकड़ों वर्ष पूर्व, भगवान बुद्धा स्वयं यहाँ पर आए थे तथा अनेक बौद्ध भिक्षुओं की यह ताप: स्थली भी रही है. उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि विश्व भर के हिन्दुओं को संगठित रखने वाली संस्था विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आज यहाँ पधारे हैं. यूं तो श्री आलोक कुमार पहले भी इस मंदिर में अनेक अवसरों पर हम सब के बीच आते रहे हैं किन्तु, विहिप कार्याध्यक्ष  बनने के बाद वे पहली बार यहाँ आए हैं अत: हम उनका ह्रदय से स्वागत करते हुए उनकी नई जुम्मेवारी के सफलता पूर्वक निर्वहन हेतु प्रार्थना करते हैं.

     इस अवसर पर उनके साथ विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल, विहिप दक्षिणी दिल्ली के विभाग अध्यक्ष महेश सक्सेना, संघ के विभाग कार्यवाह रवि चोपड़ा,  दक्षिणी दिल्ली नगर निगम सेन्ट्रल जौन चेयरमेन राजपाल सिंह, पूर्व निगम पार्षद महेंद्र कौर नरूला व मंदिर के मुख्य शिष्य गौरव किरार सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे.  

#विनोद बंसल

 

Arpan Jain

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।