युवा भारत,नया भारत

0 0
Read Time6 Minute, 2 Second

hemendra
भारतीय युवाओं का इतिहास यह दर्शाता है कि मानव संसाधन का बहुत ही महत्वपूर्ण और सक्रिय अंग होने के नाते युवा वर्ग ने हमेशा ही समाज की प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान बलिदानी बनकर,कुरूतियों,रूढ़ियों तथा मौजूद विपदाओं को नेस्तनाबूत किया। आगे,देश के विकास, औद्योगिक क्रांति,नवीनतम तकनीक,शिक्षा और नवनिर्माण में अव्वल रहकर युवा भारत नए भारत की इबारत लिख रहा है।
अभिभूत,पूर्व राष्ट्रपति डॉ.अब्दुल कलाम ने ठीक ही कहा थाः स्वतन्त्रता से पूर्व के दिनों में स्वतन्त्र भारत हमारा सपना था, परन्तु आज विकसित भारत हमारा सपना है,केवल युवा वर्ग ही ऐसा वर्ग है जो राष्ट्र को बेरोजगारी और भूख से मुक्ति,अज्ञान और निरक्षरता से मुक्ति,सामाजिक अन्याय और असमानता से मुक्ति,बीमारी और प्रकृति विनाश से मुक्ति दिला सकता है,और सबसे बढ़कर सार्वभौम आर्थिक और पश्चिमी सभ्यता के प्रभावों से मुक्ति दिला सकता हैं।
अलौकिक,जब हम अपने समाज पर नजर डालते हैं तो पाते हैं कि देश की ६५ फीसदी जनसंख्या युवा वर्ग में आती है। इसका मतलब यह हुआ कि लगभग ८० करोड़ युवा जो १५-३५ वर्ष के आयु वर्ग में है परन्तु,यह सब कुछ विकास के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किए बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता। स्वतंत्र भारत में विकास के मार्ग में आने वाली प्रमुख बाधाओं में से एक बाधा यह है कि गरीबी को समाप्त करने वाले हमारे कार्यक्रमों की हवाबाजी से बेरोजगारी बढ़ना। बदतर,बेरोजगार युवक बड़ी आसानी से असामाजिक और राष्ट्र विरोधी ताकतों के हाथों का खिलौना बन जाते हैं।
लिहाजा,युवाओं को समग्र ग्रामीण विकास की गतिविधियों और विभिन्न प्रकल्पों की अंतर्निहित शक्तियों को समझना चाहिए। तभी स्वावलम्बी,समृद्ध,समर्थ और सुखी गांव का आधार होगा रोजगारयुक्त युवा।अकुशलता से हमारी बहुत ही मूल्यवान राष्ट्रीय पुननिर्माण के लिए तैयार,दुनिया की सबसे बड़ी युवा श्रम शक्ति का अपव्यय हो रहा है। इस स्थिति के अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक,आर्थिक व सभ्यतामूलक दुष्परिणाम हो सकते हैं। भारत में श्रम शक्ति की औसत वार्षिक वृद्धि लगभग २ करोड़ है, परंतु हमारा संगठित क्षेत्र इतने रोजगार उपलब्ध करवाने में असमर्थ है। अतः रोजगार सृजन,आय का सृजन,रोजगार के नए अवसरों को कृषि तथा लघु उद्योगों,सेवा के क्षेत्रों में सृजित करना होगा।
प्रत्युत,युवाओं के वास्ते क्रियान्वित विकास की गति जल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के गैर-जिम्मेदाराना प्रयोग और शोषण से भी प्रभावित होती है। पारिस्थतिकी दृष्टि से भू-जल के साथ-साथ वर्षा के जल का उचित उपयोग और संरक्षण बहुत ही जरूरी हो गया है,ताकि देश के विभिन्न भागों में प्रतिवर्ष पड़ने वाले सूखे और बाढ़ आने की घटनाओं को कम-से-कम किया जा सके। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि,प्रतिवर्ष आपदाओं जैसे-बाढ़,सूखा, बादलों के फटने आदि घटनाओं के कारण होने वाले भारी-भरकम आर्थिक नुकसान के कारण भी हमारे विकास के प्रयासों को बड़ा धक्का पहुंचता है। पर्यन्त युवाओं के विकास की योजना प्रभावहीन हो जाती है।
यथेष्ट,आज की मांग है कि देश का नवजवान सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विकास की गतिविधियों को सफल बनाने के लिए अथक और गंभीर प्रयास करे। निसंदेह सरकार रोजगार पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर युवकों को स्वरोजगार और कौशल दक्षता के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार सभी के लिए प्राथमिक शिक्षा,सम्पूर्ण साक्षरता और सभी के लिए स्वास्थ्य के राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में भी कार्य कर रही है।
स्तुत्य,भारत सरकार के ‘स्किल इंडिया‘,‘मेक इन इंडिया‘ और कौशल विकास और कुशल भारत कार्यक्रम,उद्यमशीलता व उन्नमुखीकरण तथा ‘नशा मुक्त युवा अभियान‘ और दुर्व्यसन मुक्ति के अभिप्राय राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने से ही सफलता मिलेगी। सहोदय युवा भारत, नया भारत का अधिष्ठान होगा।

                             #हेमेन्द्र क्षीरसागर   

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

युवा आह्वान

Fri Jan 12 , 2018
(स्वामी विवेकानन्द जन्मदिवस ,युवा दिवस विशेष) उठो देश के भावी युवाओं हिन्द ने तुम्हें बुलाया है, लक्ष्य से पहले रुको नहीं तुम,मार्ग ये हमको दिखाया है। देश को जिसने विश्व पटल पर गौरव मान दिलाया है, विश्व युवा उस विवेक आनन्द का आज जन्मदिन आया है। उठो देश के भावी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।