*चिता*

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shirin bhavsar
मेरे होने
या
न होने
के कोई मायने
नही हैं….
वैसे ही
जैसे
चिता पर
निर्जीव
देह….

क्योंकि
मायने
देह के साथ
जुड़े होते हैं
और
देह से
मन…

मन की
अपनी
चाहनाएँ होती हैं
और
अनेक
विवशताएं भी…

इन चाहनाओ
और
विवशताओं
से परे
हो जाना
देह के साथ
आसान तो नही न….

चिता को
निर्जीव देह
का समर्पण
दरअसल
इन्ही
चाहनाओ
और
विवशताओं
का समर्पण हैं….

         #शिरीन भावसार

परिचय:शिरीन भावसार का जन्म नवम्बर १९७५ में तथा जन्मस्थान-इंदौर (म.प्र.) हैl आपने एम.एस-सी. (वनस्पति विज्ञान) की शिक्षा रायपुर (छग) में ली है,और शादी के बाद वर्तमान में वहीँ निवासरत हैंl कार्यक्षेत्र की बात करें तो आप कला-शिल्प तथा लेखन में सक्रिय होकर सामाजिक क्षेत्र में दृष्टि बाधित संस्था और विशेष बच्चों की संस्था से जुड़ी हुए हैंl लेखन में आपकी विधा-नई कविता,छंदमुक्त कविता,मुक्तक एवं ग़ज़ल हैl कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं सहित वेबपत्रिका में भी आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैंl आपके लेखन का उद्देश्य-अपने विचारों को दृढ़ता से रखना,सामाजिक मुद्दों को उठाना,मनोभाव की अभिव्यक्ति और आत्मसंतुष्टि हैl

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।