थूको

2 0
Read Time2 Minute, 31 Second

खाया पान भरा जो मुंह में सोचा थूक कहा आऊँ
नाली के जब पास गया तो कीड़ा बोला हट जाऊँ
उद्दल सामने आया वो और मुझे देखकर गुर्राया
बहुत जोर से मुझको डॉटा और डॉटकर समझाया
अगर थूकना ही है तुमको थूको उस शिक्षालय पर
शिक्षा का स्तर जो गिराते थूको उस विद्यालय पर
खाते पान चबाते गुटखा बीयर और सिगरेट फूंके
बच्चों को गुमराह जो करते, ऐसे शिक्षक पर थूके
मार रही जनता को जिन्दा उस मदिरालय पर थूको
करे न्याय में उलट फेर तो उस न्यायालय पर थूको
जनता का हक खा जाता थूको ऐसे परधान पर
नेताओं पर प्रेम से थूको सरकारी संस्थान पर
अरे थूकने की खातिर नेताओं की जनसभाएं है
कभी तो उन पर भी थूको जो देते नकली दवाएं हैं
उस अधिकारी पर थूको, जो बात आपकी न सुनते
रिश्वतखोर पुलिस वाला हो उस पर क्यो तुम न थूके
राष्ट्रवाद के नाम पे दंगा करने वालों पर थूको
समाजवाद पे जाति का पंगा, करने वालों पर थूको
बहुजन हिताय कहकर स्वजन हिताय करे उन पर थूको
और नहीं कुछ कर सकते तो थूकने में तो ना चूको
युवा शक्ति से खेल रही ऐसी सरकारों पर थूको
देश मे रहकर नहीं देश के उन मक्कारों पर थूको
गबन किया घोटाला जो उस भ्रष्टाचारी पर थूको
आंखों में बस रहे वासना उस व्यभिचारी पर थूको
थूकना है तो जाओ थूको थाने की धन उगाही पर
कभी तो थूको जा करके सरकारी तानाशाही पर
इतनी सारी जगहें है फिर उठा के मुंह क्यों यहाँ आये
या सोचा दो चार ठीक है, उन पर छींटे ना जाये
करा दिया “एहसास” मुझे वो, भारत की तस्वीरों से
नेता तो बस फेंक रहे है दिल्ली की प्राचीरों से
ऐसी घुट्टी दी उसने की ना थूकूं ना निगल पाऊं
नाली के जब पास गया तो कीड़ा बोला हट जाऊँ।।

  • अजय एहसास
    सुलेमपुर परसावां

अम्बेडकर नगर ( उ०प्र०)

matruadmin

Next Post

भंवर जाल

Mon Jul 20 , 2020
बनाकर आशियाना अपनी मोहब्बत का, क्यों तुम गिरा रहे हो। जमाने के डर से शायद, तुम भाग रहे हो। और लोगो के भवर जाल में, तुम फस गये हो। और अपनी मोहब्बत का, जनाजा खुद निकल रहे हो।। ये दुनियाँ बहुत जालिम है, जिसने न छोड़ा राम सीता को। जुदा […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।