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अरमानों के पंख लगा के,
नूतन वर्ष का अभिनंदन हो।
पलकों के दिल द्वार खुले और,
मुस्कानों से फिर चन्दन हो॥
करें कामना सबका भला हो,
क्षमाशील हो दिल जो जला हो।
आँखों में खुशियों के हों आँसू,
आज हृदय में न क्रंदन हो॥
सेवा का संकल्प हो दिल में,
प्रेम बढ़े हों जिस महफ़िल में।
कल किसने देखा है जग में,
वाणी ही अमृत-सा धन हो॥
सत्य धर्म शांति संबल हो,
कर्म के पथ न चित्त चंचल हो।
सही सोच ले बढ़ते जाएं,
सही सोच का ही चिंतन हो॥
#बिनोद कुमार ‘हंसौड़ा’
परिचय : बिनोद कुमार ‘हंसौड़ा’ का जन्म १९६९ का है। आप दरभंगा (बिहार)में प्रधान शिक्षक हैं। शैक्षिक योग्यता दोहरा एमए(इतिहास एवं शिक्षा)सहित बीटी,बीएड और प्रभाकर (संगीत)है। आपके नाम-बंटवारा (नाटक),तिरंगा झुकने नहीं देंगे, व्यवहार चालीसा और मेरी सांसें तेरा जीवन आदि पुस्तकें हैं। आपको राष्ट्रभाषा गौरव(मानद उपाधि, इलाहाबाद)सहित महाकवि विद्यापति साहित्य शिखर सम्मान (मानद उपाधि) और बेहतरीन शिक्षक हेतु स्वर्ण पदक सम्मान भी मिला है। साथ ही अनेक मंचो से भी सम्मानित हो चुके हैं
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