शकुन्तला का उदगार

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urmila saw
दे विरह वेदना कौन ? तड़पा गया,
बन के छलिया,छल के कहां चला गया।

मैं बिलखती हृदय में यूँ संताप ले,
अश्रु गिरते नयन के हैं अब बह चलें।
कौन दुष्यन्त बनकर हमारा नयन,
दे गया यूँ निशानी न लगता है मन॥

कौन परदेशिया लूट सब कुछ गया,
इस अभागिन को कैसे दगा दे गया।
दे विरह…॥

दे गया कुछ निशानी भी मझधार में,
तुम तड़पती रहो उम्रभर प्यार में।
वह क्षणिक भर मिलन मन दु:खी कर गया,
एक दु:खिया को सुखिया दगा दे गया॥

जिन्दगी का मिलन तो अधूरा रहा।
पर भरत आज सम्राट बन ही गया।
दे विरह…॥

किन्तु दुष्यन्त बनने में भी राज है,
बन के दुष्यन्त फिर भी बना ताज है।
किसी पुष्प की ऐसी मृदुल प्यास है,
बन कली खिल गई,कालिदास की आस है॥

किन्तु दुर्वाशा का श्राप पा ही गया,
मेरे जीवन को सुखमय बना ही गया।
दे विरह…॥

   #डॉ.उर्मिला साव ‘कामना’

परिचय : डॉ.उर्मिला साव का उपनाम ‘कामना’ है। आपकी जन्म तारीख ११ नवम्बर १९६७ है। निवास कोलकाता में पी.के.टैगोर स्ट्रीट में है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता की डॉ.साव की ६ पुस्तक
आ चुकी है। हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आप बहुत सक्रिय हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य हिंदी भाषा को बढ़ावा देना और सुविचारों को फैलाना है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।