नए साल का जश्न

0 0
Read Time1 Minute, 28 Second
rupesh kumar
बीत गया जो पल उसे भूल जाते हैं,
आने वाले कल का जश्न मनाते हैं।
अरमान है दिल में पूड़ी और मिठाई का,
पर सूखी रोटी पर संतोष किए जाते हैं।
मिले खुशबू बेली और चमेली की,
पर रजनीगंधा की ओर बढ़े  जाते हैं।
हम जानते हैं प्रेम एक मर्ज हुआ करता है,
फिर देवदास की तरह शराब पिए जाते हैं।
कुछ गलतियां हम जानकर ही करते हैं,
फिर भी गलतियों पे पश्चाताप किए जाते हैं।
हम आशा और उम्मीद पर समाज बदलते हैं,
पर देखते ही सब-कुछ बदल जाते हैं।
कल रो रहे थे ‘रुपेश’ गुजरे हुए ज़माने पर,
आज नववर्ष पर उल्लास मनाए जाते हैं॥
                                              #रुपेश कुमार

परिचय : चैनपुर ज़िला सीवान (बिहार) निवासी रुपेश कुमार भौतिकी में स्नाकोतर हैं। आप डिप्लोमा सहित एडीसीए में प्रतियोगी छात्र एव युवा लेखक के तौर पर सक्रिय हैं। १९९१ में जन्मे रुपेश कुमार पढ़ाई के साथ सहित्य और विज्ञान सम्बन्धी पत्र-पत्रिकाओं में लेखन करते हैं। कुछ संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित भी किया गया है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

जीवन अनमोल

Fri Dec 29 , 2017
जीवन एक अनमोल है, रखिए इसे सम्भाल जरा-जरा-सी बात पर, जीवन खतरे में न डालl एक बार जीवन गया, फिर हाथ न आएगा आत्मा कष्ट भोगेगी प्रभु नाराज हो जाएगाl आत्महत्या करना भी है जघन्य अपराध, जो जीवन से हारा हो गया वह बर्बादl क्रोध,विवेक हरता है, पाप वही करता […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।