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कृष्णा बन सांवरे तुम
तन में समा जाना।
बन मुरलीधर प्रेम
की धुन तुम बजानाll
प्राणों के प्राणनाथ हो तुम
अपनी दासी मुझे बनाना।
बस जाना रूह में मेरी ऐसे
दो बदन एक जान हो जैसेll
अधर बेचैन हैं मेरे,अपने नाम का
अमृत पान तुम करवा जाना।
अपनी खुशबू को तुम मेरी
साँसों में ही घोल जानाll
बन के बावरी प्रेमगीत गाऊँगी,
अपने श्याम की राधिका बन जाऊँगी।
मुझे क्या लेना इस दुनिया की रीत से
अपने पिया की प्रेमिका बन जाऊँगीll
#संध्या चतुर्वेदी
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