विश्वगुरु बनाना है…

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shashank sharma1
अंग्रेज़ी शिक्षा का ढांचा,खड़ा किया मैकाले ने,
जैसे सिर पर जूता मारा,लिपटा किसी दुशाले में।
भारत मनीषी बना रहा था,गुरुकल में संस्कारों से,
बना दिया है मशीनों-सा अब,शिक्षा के हथियारों से॥
उसने सोचा संस्कारों का,धीरे-धीरे हरण करो,
सीधे जड़ से भी मत काटो,धीरे-धीरे क्षरण करो।
जैसे-जैसे अंग्रेज़ी,माथे पर चढ़ती जाएगी,
वैसे-वैसे दास बेड़ियां,पैरों में पड़ती जाएगी॥
कान्वेंट की भीड़ से सच,उसका सपना दिखता है,
अपना ही बेटा अब सच में,अंग्रेजों-सा दिखता है।
माना कि इस दुनिया में,स्थान बड़ा वह पाएगा,
माता-पिता की सेवा का,संस्कार कहाँ से लाएगा॥
अच्छी शिक्षा भी दो लेकिन,ऐसा कोई जतन करो,
वह अच्छा इंसान भी बने,ऐसा कोई यतन करो।
वीर शिवा राणा लक्ष्मी-सी राह इन्हें दिखाना है,
अपने भारत को फिर से अब,विश्वगुरु बनाना है॥

                                              #शशांक दुबे

परिचय : शशांक दुबे पेशे से उप अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में पदस्थ है| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय है |

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।