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उम्र के जिस पड़ाव का अहसास होता था,
उस उम्र को पार कर चुकी हूँ मैं…
लगता है थोड़ा बदल चुकी हूँ मैं।
जिन रिश्तों से आघात पहुँचा था,
उनको अनदेखा करने लगी हूँ मैं…
लगता है थोड़ा बदल चुकी हूँ मैं।
जिन सखियों का पता खो चुकी थी,
उन सखियों को ढूँढने लगी हूँ मैं…
लगता है थोड़ा बदल चुकी हूँ मैं।
जो बचपन जिम्मेदारियों में खो चुका था,
उन्हें बच्चों में ढूँढने लगी हूँ मैं…
लगता है थोड़ा बदल चुकी हूँ मैं।
जिन ख्वाहिशों को दफ़न कर दिया था,
उन्हें पूरा करने में जुट गई हूँ मैं…
लगता है थोड़ा बदल चुकी हूँ मैं।
जिन ऊँचाईयों को छूने का सपना देखा था,
बच्चों को वहाँ पहुँचाने में जुट गई हूँ मैं…
लगता है थोड़ा बदल गई हूँ मैं॥
#प्रेरणा सेंद्रे
परिचय: प्रेरणा सेंद्रे इन्दौर में रहती हैं। आपकी शिक्षा एमएससी और बीएड(उ.प्र.) है। साथ ही योग का कोर्स(म.प्र.) भी किया है। आप शौकियाना लेखन करती हैं। लेखन के लिए भोपाल में सम्मानित हो चुकी हैं। वर्तमान में योग शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।
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