मैं अधूरी ही तो हूँ..

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kumari archana
मैं अधूरी ही तो हूँ,
उस आधी भरी ग्लास जैसी।
अधूरा,अधूरा ही तो
सब कुछ मेरा तुम बिन,
स्त्रीत्व अपूर्ण है मेरा
बिन पुरूष तुम्हारी संगिनी बने,
बिन मातृत्व सुख के।
और आज भी है
मेरी रात अधूरी है,
दिन उदासी है
साँझ प्यासी है,
सुबह आशाई है।
मैं इतजार में हूँ
बिस्तर भी,
तकिया भी
दीवारें भी,
खिड़कियाँ और
दरवाजे भी,
सबके सब खुले हैं
मेरी आँखें भी,
बस एक
तुम्हारे मेरे होने के॥

                                                                     #कुमारी अर्चना

परिचय: कुमारी अर्चना वर्तमान में राजनीतिक शास्त्र में शोधार्थी है। साथ ही लेखन जारी है यानि विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में निरंतर लिखती हैं। आप बिहार के जिला हरिश्चन्द्रपुर(पूर्णियाँ) की निवासी हैं।

matruadmin

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2 thoughts on “मैं अधूरी ही तो हूँ..

  1. कविता में बिम्ब का अद
    भुत सामंजन है जो हृदय को स्पदंदित करता है.लेकिन भाव व्यंजना से परिलक्षित पितृसत्तात्मकता अग्राह्य.

  2. उम्दा लेखन शैली
    पर नारी स्वं में पूर्ण है
    नहि कोई विराम
    नहि कोई शेषाशब्द
    नारी तू न्यारी है
    जग में सबसे प्यारी है ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।