बेईमान न होते…

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prabhatprabhat

ज़िन्दगी के रास्ते इतने आसान न होते,
अगर आप हम पर मेहरबान न होते l

आप चाहते तो ये काम कल भी हो जाता,
हम आज भी इसके लिए परेशान न होते।

कितना अच्छा होता,हमारी गिनती इंसानों में होती,
आप हिन्दू न होते,हम मुसलमान न होते।

ये विश्वास और भरोसे की डोर शायद कभी न टूटती,
अगर साधु के भेष में आए शैतान न होते।

नम्बर वन बनने को तो मेरा देश कब का बन जाता,
शर्त इतनी-सी थी कि,हम बेईमान न होते।

                                                                  #प्रभात पंचोली

परिचय : प्रभात पंचोली अग्रणी जनसंचार संस्थान में सृजनात्मक लेखक हैं। आप कविता,ग़ज़ल और कहानियां ही नहीं लिखते,बल्कि व्यंगात्मक साहित्य लिखने में भी ज्यादा रूचि रखते हैं।

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2 thoughts on “बेईमान न होते…

  1. झरने के दर्पण पर सत्य के दर्शन…..अद्भुत #प्रभात पंचोली

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