तोड़ दिया…

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abhishekh sarthak
कुछ आशाओं के जुगनू ने
मन के भीतर दम तोड़ दिया,
कुछ यौवन पाते सपनों ने
अब साथ हृदय का छोड़ दिया।
क्या पाना था,क्या खोया है
अब है इसका उल्लेख नहीं,
अन्दर ही अन्दर सागर हैं
बाहर पानी की रेख नहीं।
ये स्वप्न पंथ था किधर चला
है इसका कुछ भी भान नहीं,
वो सपने यूं निर्जीव लगें,
जैसे शरीर में प्राण नहीं।
इस जीवन की बाधाओं ने
अब किन राहों पर मोड़ दिया,
कुछ आशाओं के जुगनू ने
मन के भीतर दम तोड़ दिया।
ये मन का पंछी व्याकुल-सा
था नगर-नगर उड़ता रहता,
आशाओं का ये दीप्त काफिला
संग-संग जुड़ता रहता।
पर इस मधुवन के कोने में
कुछ सूखे तरु-सा सूख रहा,
था लक्ष्य साधना आवश्यक
पर बाण लक्ष्य से चूक रहा।
इक तेज वेग के पत्थर ने
इस स्वप्न कलश को फोड़ दिया,
कुछ आशाओं के जुगनू ने
मन के भीतर दम तोड़ दिया॥
                                                          #अभिषेक सार्थक
परिचय : अभिषेक सार्थक की जन्मतिथि -१८ जुलाई १९९७ और जन्म स्थान- ग्राम घरथनियां है। उत्तर प्रदेश राज्य के 
शहर-लखीमपुर (खीरी) निवासी अभिषेक सार्थक फिलहाल एम.ए. में अध्ययनरत हैं। आप श्रॄंगार भाव की कविता अधिक लिखते हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-शौक है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।