Read Time1 Minute, 25 Second
है ऐसी मेरी भावना,
बन सकूं वीरांगना।
कलुषता निकाल दूं,
नेक करूँ कामना।।
घात बात छोड़कर,
कू रिवाज तोड़कर।
धीर अपना बांध के ,
नेक धरूँ धारणा।।
सत्य कर्म सीखकर,
लाज शर्म सींचकर।
प्रेम भाव पर मरूं,
है यही अराधना।।
देश शान पर मरूँ,
मैं नाम देश का करूं ।
भ्रम सारे त्याग कर ,
करूं ईश प्रार्थना।।
परिचय-
नाम ___डॉ मीना कुमारी सोलंकी
जन्म स्थान ___नीमली ,चरखी दादरी, हरियाणा
पिता ___सूबेदार शीशराम
माता ___श्रीमती फूलवती टेलरणी
योग्यता ___एम ए ,एमफिल ,पीएचडी हिंदी ,एम ए एजुकेशन ,जेबीटी ,बीएड , टैट ,स्क्रीनिगं आदि
व्यवसाय ___अध्ययन, अध्यापन
रुचि ____नृत्य ,गायन, अभिनय, वादन ,डीबेट करना आदि
विशेष __स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पत्र पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन तथा कवि सम्मेलन एवं सेमिनारों में सहभागिता।
पत्राचार__ डॉ मीना कुमारी c/o देईचंद सांगी
गांव व डाकखाना –सांखोल
तहसील -बहादुरगढ़
जिला -झज्जर (हरियाणा )
Post Views:
666
Sat Apr 27 , 2019
शब्दो को शब्दों में हम सजाते है। उन्हें गीत गजल और लेखों में दर्शाते हैं। समाज की कुरीतियों का वर्णन करके, उन्हें मिटाने की कोशिस हर दम करते है। और एक अच्छे समाज और देश का निर्माण करवाते है।। बहुत पावन और पवित्र है हमारा देश हिंदुस्तान। जिसके हर कण […]