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(मनहरण घनाक्षरी)
देश के सभी युवान,आप पर है गुमान,
अब वीरता प्रमाण, जग को दिखाइए।
एकता समेट आज,रखना है देश लाज,
ध्येय हो अखण्ड राज, दूरदृष्टि पाइए।
देने लगे बार-बार,पाक चीन ललकार,
पंचशील को नकार, युद्ध गीत गाइए।
सिंह-सी करो हुंकार, रग-रग हो झंकार,
आज करने प्रहार, बिगुल बजाइये॥
#श्रीमन्नारायण चारी ‘विराट’
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