दिन के द्वार

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arun jain
भीनी-सी खुशबू लेकर
सुबह उठी है,
अभी अभी।
कुछ-कुछ
अलसाई,
कुछ-कुछ जागी-सी।
भोर होने से पहले ही
तिमिर में जागी-सी,
ताजी-ताजी-सी।
पहरुए उजालों के आने हैं
अंधियारों के भूत,
जाने को हैं।
बारिश में भीगे पंछी
अभी कहाँ उड़ जाने हैं,
खुली राह विस्तारों की।
नए दिवस का स्वागत
उजास के हारों से है,
नित नई उड़ानों से है।
गायब मुर्गे की तानें हैं
टहनी-टहनी चली गिलहरी,
अम्बर धरती को ताने है।
चंदा मामा चला गया
सूरज से फिर छला गया,
तारे बेचारे बारात सजाते।
हर दिन हर रात सजाते,
जुगनू बंद वनों में है,
प्रकृति छंद मनों में है।
आओ सूरज का मान करें
प्राण वायु का पान करें,
मंद पवन से बहना सीखें।
सुनें परिंदों का समूह गान
रचा हुआ अद्भुत वितान,
बेला है यह सुंदर ध्यान।
प्रथम किरण का आह्वान
दूर सभी का हो तिमिर,
हर घर उजियारा हो।
जीवन ज्योति सदा जगे
नए अन्वेषण हों हर दिन,
सुखी जीवन का खुले द्वार॥

                                                                      #अरुण कुमार जैन

परिचय: सरकारी अधिकारी भी अच्छे रचनाकार होते हैं,यह बात 
अरुण कुमार जैन के लिए सही है।इंदौर में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में लम्बे समय से कार्यरत श्री जैन कई कवि सम्मेलन में काव्य पाठ कर चुके हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त सहायक आयुक्त श्री जैन का निवास इंदौर में ही है।

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।