#सुनील कुमारपरिचय :सुनील कुमार लेखन के क्षेत्र में धार्विक नमन नाम से जाने जाते हैं। आप वर्तमान में डिब्रूगढ़ (असम)में हैं,जबकि मूल निवास झुन्झुनूं (राजस्थान) है। शैक्षणिक योग्यता एम.ए. (अंग्रेजी साहित्य,समाज शास्त्र,)सहित एम.एड., एमफिल और बीजेएमसी भी है
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जंग लगे आईने में
अक्स देखता हूँ
अंदाज देखता हूँ
तस्वीर धुंधली दिखती है
पर दिखती तो है…
बूढ़ा आईना भी…
अपना काम करता है
ताज्जुब है…
समय की लकीरों से…
आबोहवा से…
आईनों के बदल गये है …
स्वरूप…
आधुनिकता का रंग…
चढ़ गया है…
लेकिन…
आईना है आखिर आईना ही…
फितरत…
आईने की बदलेगी नहीं…
अक्स बनते रहेंगे…
अंदाज बदलते रहेंगे…
अंदाज देखने वालों के…
आईना तो रहेगा..
आईना…।
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