आया सावन झुम के….

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जब-जब पड़ी बूंदे पानी की जमीं पर
यूं लगा सावन की बूंदों ने दस्तक दी हो
मुरझाई सी, अलसाई सी बेलो को, लताओं को
हरितमा के आंचल से ढक दिया बरस कर (१)

गूंजने लगा बारिश की टिमटिमाहट का गुंजन
मेंढकों की टर्र -टर्र और झीगुरों के आहटों से
प्रकृति का मद्धिम कर्णप्रिय संगीत का जादू
झरनों का कलरव देने लगा आमंत्रण पर्यटकों को(२)

भीगने लगे तन बदन ,मन की पीड़ाओं से परे होकर डोलने लगे छाते, रेनकोट, गली-गली, चौराहों पर
मिट्टी से दूषित हो सनने लगे हाथ पैर
चलने लगी नावें नवनिहालों की कागज की घरों के बाहर (३)

करने लगे लुकाछिपी सूरज -चंदा बादलों की ओट में ढलने लगी सुरमई शामें सुनहरी धूप से
बेचैनी से करने लगा मन इंद्रधनुष का इंतजार
घरों की मुंडेरों और छतों पर जाकर (४)

बजने लगे मंदिरों में घंटे ज़ोर ज़ोर से
उठने लगी मंत्रों के जाप गली- गली मोहल्लों में स्थापित होने लगे चतुर्मास देवताओं और गुरुओं के
होने लगी शुद्धि यज्ञ कुंडों के घी -हवन सामग्री से(५)

घरों की चौखटों पर टकटकी लगाकर बाट जोहति
बिरहनो की खातिर होने लगी वापसी परदेसियों की
मेहंदी,महावर की लालिमा से सजने लगे हाथ-पैर
भाइयों की कलाई करने लगी बहनों की राखी का इंतजार (६)

यूं लगने लगा सावन की बूंदों ने प्रकृति संग जैसे हर जीव को अपने संपूर्ण वरदान से आर्शीवादित कर दिया गर्मी के अभिशाप से मुक्त कर दिया हो
जीवन की संपूर्णता का एहसास कराने आया सावन झूूूम के(७)

स्मिता जैन

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Mon Aug 2 , 2021
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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।