न अँधेरों के किस्से न उजालों की बातें,
कोई नींद में कर रहा है निवालों की बातेंl
यहाँ भूख रक्स करती गरीबों के आँगन,
अमीरों की आदत घोटालों की बातेंl
कोई मन की बातें करता यहाँ पर,
कहीं हो रही हैं सवालों की बातेंl
कहीं भाई-चारे की चढ़ती रहती है भेंट
मगर हो रही हैं मस्जिद और शिवालों की बातेंl
वो जज़्बे नहीं अब रहे हैं सलामत,
जो करते थे अक्सर देश बचा लो की बातेंl
यहाँ कुर्सी-कुर्सी सभी खेलते हैं,
चलो आओ करते हैं शासन संभालो की बातेंl
कभी सोने की चिड़िया था भारत हमारा,
अभी मीर-जयचंद करते हैं देश बेच डालो की बातेंl
परिचय : अकीला बानो उत्तर प्रदेश राज्य के नवाबी शहर लखनऊ से हैं। आप शौकियाना लिखती हैं। मानस नगर कानपुर रोड पर रहती हैं। रचना में हिन्दी के साथ उर्दू शब्द भी वापरती हैं।