घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिग

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vaikunth
महाराष्ट्र का इक जनपद,
औरंगाबाद प्रसिद्ध हुआ।
वहाँ दौलताबाद देवगिरि,
का द्विज शिव का सिद्ध हुआ।
नाम सुकर्मा औ सुदेश के,
थी कोई  संतान   नहीं।
शिव भक्ति में लीन सदा थे,
पर किन्चित अभिमान नहीं॥
वह सुदेश के ही कहने पर,
बहन उसी की घुश्मा थी।
ब्याह कर लिया सन्नारी से,
शिव भक्ति में  सुषमा थी॥
भोले भंडारी की निश दिन,
पूजा   घुश्मा   करती   थी।
बड़े भाव औ मनोयोग   से,
ध्यान  न दूजा  धरती  थी॥
अवढर दानी  की  सेवा से,
घुश्मा  के  सृत  एक हुआ।
पर उसकी मौसी सुदेश को,
चिन्ता,जलन अनेक हुआ॥
नहीं सह सकी बहिन पुत्र को,
सोता   पाकर मार    दिया।
निकट एक तालाब देखकर,
उसमें   उसने   डार  दिया॥
प्रातः पुत्र न  देख  सुकर्मा,
करने करुण  विलाप लगा।
ध्यानमग्न शिव में घुश्मा थी,
तनिक न उसका ध्यान डिगा॥
शिवशंकर प्रसन्न घुश्मा पर,
जीवित पुत्र  निकल आया।
देवगिरी  का पावन  विग्रह,
घुश्मेश्वर   ही    कहलाया॥

                                                                                       #वैकुण्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’

परिचय : वैकुण्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’ मौलिक रूप से गीत,कहानी,छन्द की सभी विधाओं में कविताएँ,लेख माँ वीणा पाणी की कृपा से लिखते हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में इनका प्रकाशन होता रहता है। कुछ समाचार पत्र में आपके व्यंग्य का स्थाई स्तम्भ भी प्रकाशित हो रहा है। आप फैज़ाबाद जिले के तेलियागढ़(उ.प्र.) में रहते हैं।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।