अजीब दौर है..

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ashok sinhasane
किसी ने देखा नहीं अस्ल में चेहरा अपना,
सबको एजाज़ दिखाता है आइना अपना।
मज़ीद सरफिरे लोगों ने बना ली सरहद,
भूलकर आदमी से आदमी रिश्ता अपना।
फैसले क्या है हमारी ही कम ख्याली है,
हमने तो सोचा नहीं खुद कभी सोचा अपना।
वो भी अब नुक्ताचीं हो गए बुलंदी के,
पढ़ नहीं सकते जो लोग खुद लिखा अपना।
हमने तो चूजों-सा पाला है अपने ख़्वाबों को,
बुना है मुश्किलों से लड़ के घोंसला अपना।
अच्छा है आप भी दुश्मन से पेश आने लगे,
रहेगा यूँ भी मुकद्दर से सिलसिला अपना।
अजीब दौर है हैरानियाँ भी पागल हैं,
छू नहीं सकते खुद यार हम पैसा अपना।
हम पे मसरुफियत बाजार में भी हँसती है,
हुआ बेजान पसीने से कुरता अपना।
                                                                         #अशोक सिंहासने ‘असीम’
परिचय : अशोक सिंहासने लेखन जगत में ‘असीम’ नाम से लेखन करते हैं। आप कई साहित्यिक संस्थाओं से पदाधिकारी के रुप में जुड़े हैं। साथ ही एक मासिक पत्रिका के प्रबंध संपादक और मनु प्रकाशन के संरक्षक भी हैं। आपका निवास वार्ड न. २२ सोगपथ(बालाघाट म.प्र.) में है।

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।