स्वयं को बदलना होगा  

0 0
Read Time2 Minute, 56 Second
anupam tivari
बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है हमारे देश के सभी प्रांतों में पुलिस की। हमारे यहां पुलिस वालों को नेताओं ने अपने स्वार्थ साधने का साधन बना लिया है। मामला चाहे कोई भी हो,प्रशासन वही करता है जिसमें नेताजी का हित निहित हित हो। अन्यथा की स्थिति में पुलिस वाले को इन भ्रष्ट माननीयों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ता है,और नेताजी के नाराज हो जाने पर क्या हो सकता है, हम सब जानते हैं।  उनकी पदोन्नति रुक सकती है,तबादला हो सकता है और तो और उन्हें भ्रष्ट बताकर उनकी वर्दी भी उतरवाई जा सकती है। फलस्वरूप पुलिस वाले नेताजी की चाटुकारिता करते-करते खुद भी भ्रष्ट हो जाते हैं।उनके चरित्र में भ्रष्टाचार को अनिवार्य रूप से शामिल करने में हमारी भी उतनी ही भागीदारी होती है, जितनी माननीयों की।
     जैसे ही कोई मामला थाने में जाता है,तो हम यह जानते हुए भी कि हम निर्दोष हैं,हम किसी नेता या किसी अन्य चर्चित व्यक्ति के पास जाते हैं। उनसे निवेदन करते हैं कि,वह हमारे निर्दोष होने का प्रमाण-पत्र जारी करें। ऐसा होने पर हम उनके लिए कुछ भी करने का भरोसा देते हैं। जब हमारी गलती होती है तब हम नेताओं और पुलिस वालों को पैसों का प्रलोभन देते हैं। भ्रष्ट तो चाहें जो कोई भी हो,लेकिन भ्रष्टाचार के कार्न आप और हम भी हैं। थोड़ी-सी परेशानी से बचने के लिए हम लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं और वही भ्रष्टाचार जब व्यापक हो जाता है तो हम लोग उसके खिलाफ आवाज उठाना शुरु करते हैं।अगर हम चाहते हैं कि,पुलिस का रवैया बदले तो सबसे पहले हमें अपने-आप को बदलना होगा।
                                                                                              #अनुपम तिवारी ‘मन्टू’ 
परिचय:सामाजिक कार्यकर्ता वाली पहचान  अनुपम तिवारी ‘मन्टू’ ने बनाई हैl इनकी शिक्षा बी.कॉम. हैl उत्तरप्रदेश के देवरिया जिला के भठवां तिवारी गांव के निवासी हैंl यह शौकिया लेखन करते हुए जब भी समय मिलता है तो कुछ प्रेरक और निष्पक्ष लिखने की कोशिश करते हैं ताकि,युवा साथियों को सही-गलत का निर्णय करने में सहयोग मिल सकेl 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

खुद का हत्यारा

Sat Jul 1 , 2017
कई बार, हमने मारा है खुद को जब बचपन में मेरा बड़ा भाई अपने बड़प्पन की धौंस जमाकर मेरी इच्छा के विरुद्ध मुझसे काम करवाता था, या फिर मेरा छोटा भाई माँ-पिता का सहारा ले जिद कर,मुझसे- मेरा हक भी छीन ले जाता थाl स्कूल में, उद्दंड लड़के मेरी शराफतों […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।