सुंदर कल्पनाएं

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avinash agnihotri
अपने रिटायमेंट के बाद, मनोहर जब अपने पारिवारिक दायित्वों से मुक्ति पाया।तब अपने परिवार व समाज को लेकर उसके मन की कुछ सुंदर कल्पनाएं जो शुरू से ही उसके मन मे बसी थी।जिन्हें वो लाख कोशिशों के बाद भी यथार्थ में नही बदल पाया। तो बुढ़ापे में उसने केनवास पर कूची से मन की उन सुंदर कल्पनाओ में रंग भरना शुरू किये।अब खाली समय मे यह उसका पसंदीदा शौक बन गया।फिर एक दिन जब उसका पोता जब अपने कॉलेज के कुछ दोस्तो के साथ घर आया।और उसने अपने दादाजी की चित्रकारी की प्रशंसा करते हुए वो चित्र अपने दोस्तो को दिखाए।तब घर मे लड़की के होने पर उत्सव मनाता परिवार और घर के बुजुर्ग को उसका हाँथ थामे मंदिर ले जाते युवा।जैसे अनेक चित्र देख सभी बेहद खुश हुए।ओर मनोहर की चित्रकारी की बहुत तारीफ करते हुए बोले ,दादाजी अब आपकी ये सभी उम्दा तस्वीरे हम अपने कॉलेज की वार्षिक प्रदर्शनी में लगाएंगे।तो यह सुन मनोहर की खुशी का ठिकाना न रहा।उसे ऐसा लगा मानो उसके मन की ये सुंदर कल्पनाएं अब यथार्थ रूप ले रही है।
#अविनाश अग्निहोत्री
परिचय- अविनाश अग्निहोत्री
 इंदौर(मध्यप्रदेश)
शिक्षा एम.कॉम 
सेवा सहायक शिक्षक ,सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल।
अन्य कार्य समिति सदस्य, संस्था विचार प्रवाह।

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