शिक्षक

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devraj

शिक्षक तो हैं जग में महान,
इन बिन चले नहीं यह इंसान

शिक्षक ही देते ज्ञानरुपी उजाला,
ज्ञानरुपी दीप जला,करे जग रोशन सारा
यही हैं ज्ञान-विज्ञान के निर्माता,
यही हैं सारे जग के भाग्य विधाता

शिक्षक तो हैं जग में महान,
इन बिन चले नहीं यह इंसान

यही हैं विजय पथ दिखने वाले,
यही हैं ज्ञान से जगत भ्रमण कराने वाले
शिक्षक हैं ज्ञानरूपी भगवान,
इन बिन चले नहीं सारा जहान

शिक्षक तो हैं जग में महान,
इन बिन चले नहीं यह इंसान

शिष्यों का ज्ञान और संस्कार,
यही है इनका महान अविष्कार
शिक्षक हैं जगत रुपी ज्ञान के आधार,
इन बिन सारा जग हैं निराधार ।

शिक्षक तो हैं जग में महान,
इन बिन चले नहीं यह इंसान

शिष्य दीया ,तो गुरु उसका तेल हैं,
शिष्य बाती तो गुरु आग-सा मेल हैं
शिक्षक ज्ञान का दीप जलाकर,
करे सारे जग का नव निर्माण

शिक्षक तो हैं जग में महान,
इन बिन चले नहीं यह इंसान

                                                                                #देवराज एसएल दाँगी

परिचय : देवराज एसएल दाँगी पत्रकारिता से जुड़े होकर एक पत्रिका के सम्पादक हैंl
आप सोनकच्छ(तहसील नरसिंहगढ़,जिला राजगढ़) के मूल निवासी हैं और अभी
इंदौर(मप्र) में रहते हैंl बी.काॅम. की पढ़ाई देवी अहिल्या विश्वविद्यालय  से करते हुए
समाजसेवा में भीम लगे हैंl वीर रस में रचना लेखन आपकी पसंद हैl  

matruadmin

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4 thoughts on “शिक्षक

  1. no.one poem …..शिक्षक कविता बहुत ही सुदंर रचना है ।इसके लिए बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ ।

  2. मातृभाषा डाट काॅम की संस्थापक टीम को बहुत बहुत बधाई जिन्होंने हिंदी भाषा के बचाव हेतु एक नया मंच भाषा प्रेमियों को दिया ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।