डॉ. वैदिक की स्मृति में शैक्षणिक संस्थाओं में व्याख्यान माला एवं प्रतियोगिताएँ होंगी आयोजित

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डॉ. वैदिक के विचारों से भावी पीढ़ी को जोड़ेगा मातृभाषा उन्नयन संस्थान

इंदौर। पत्रकारिता जगत के हस्ताक्षर व हिन्दी भाषा के सजग योद्धा डॉ. वेदप्रताप वैदिक की स्मृति में मातृभाषा उन्नयन संस्थान विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में व्याख्यानमाला व प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगा। इसका उद्देश्य डॉ. वैदिक के व्यक्तित्व व कृतित्व से भावी पीढ़ी को अवगत करवाना और जोड़ना है।
ज्ञात हो कि 14 मार्च 2023 को डॉ. वैदिक का देहावसान हो गया था, आप मातृभाषा उन्नयन संस्थान के संरक्षक रहे हैं। आपके मार्गदर्शन में संस्थान द्वारा देश के 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर अन्य भाषाओं से हिन्दी में बदलवाएँ हैं। यह अभियान अनवरत चलाया जाएगा।
हिन्दी भाषा में अपना शोधकार्य करने वाले प्रथम शोधार्थी रहे डॉ. वैदिक ने जीवन पर्यन्त हिन्दी व भारतीय भाषाओं के सम्मान की लड़ाई लड़ी है। आप भाषा, नवभारत टाइम्स इत्यादि के सम्पादक भी रहे व पत्रकारिता के साथ-साथ आपने देशभर में हिन्दी के उन्नयन के लिए लगातार आंदोलन भी किए। डॉ. वैदिक विदेश नीति पर गहरी पकड़ रखने वाले ऐसे विद्वान रहे, जिनसे कई प्रधानमंत्री अपने कार्यकालों में सलाह लेते रहे हैं, यहाँ तक कि प्रधानमंत्री देवेघोड़ा को हिन्दी वैदिक जी ने सिखाई है।

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान के द्वारा आगामी माह से ही शैक्षणिक संस्थाओं में निबन्ध, वाद-विवाद सहित कई प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाएगा। इसके साथ हिन्दी के विस्तार, प्रसार व भविष्य का भारत जैसे विषयों पर व्याख्यानों का भी आयोजन किया जाएगा।’
उन्होंने यह भी बताया कि ‘डॉ. वैदिक का स्वप्न था कि प्रत्येक भारतीय कम से कम अपने हस्ताक्षर स्वभाषा में करे, इसे लेकर संस्थान आधे दशक से हस्ताक्षर बदलो अभियान संचालित कर रहा है, इसके माध्यम से 21 लाख से अधिक लोगों ने अपने हस्ताक्षर बदले भी हैं।’

अभियान में संस्थान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ-साथ प्रादेशिक इकाईयों की भी सहभागिता रहेगी। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, गुजरात, बिहार सहित जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, कर्नाटक, उड़ीसा व तमिलनाडु में भी यह अभियान संचालित किया जाएगा।

कैसे चलेगा अभियान
संस्थान के पदाधिकारियों व हिन्दी योद्धाओं के द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं को जोड़कर वहाँ गतिविधियों का संचालन किया जाएगा, प्रत्येक गतिविधियों में छात्रों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। इस संदर्भ में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ की संस्मय प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक ‘हिन्दी योद्धा: डॉ. वेदप्रताप वैदिक’ भी बच्चों में वैदिक जी के व्यक्तित्व को विस्तारित करेगी।

अभियान का संयोजन मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय सचिव गणतन्त्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भावना शर्मा, नितेश गुप्ता सहित शरद डूंगरवाल व एस एन गोयल करेंगे।

डिजिटल रूप से भी डॉ. वैदिक से जुड़ेगा युवावर्ग

डॉ. वैदिक जी की स्मृति में संचालित अभियान को डिजिटल रूप से भी समृद्ध करके उनके विभिन्न लेख इत्यादि के माध्यम से छात्रों को उनके विचारों व लेखन से परिचित करवाकर हिन्दी भाषा का प्रचार, प्रसार व विस्तार किया जाएगा। वेबसाइट पर संस्थान द्वारा वैदिक जी के लेख, विचार, परिचय इत्यादि उपलब्ध रहेंगे। डिजिटल रूप से संस्थान द्वारा हिन्दी प्रचार व डॉ. वैदिक के आलेखों का भी संग्रह उपलब्ध रहेगा। विभिन्न ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से भी लोगों तक अभियान पहुंचेगा।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।