Read Time2 Minute, 46 Second
हिंसा को भड़काने वाले
ये किसान नहीं हो सकते।
जीवन को सुलगाने वाले
ये किसान नहीं हो सकते।
खेतों में जो श्रम का पानी देता है।
फसलों को जो खून की सानी देता है।
फसलों को आग लगाने वाले,
ये किसान नहीं हो सकते।
हिंसा को भड़काने वाले
ये किसान नहीं हो सकते।
खुद भूखा रहकर जो औरों को
भोजन देता है।
खुद को कष्ट में डाल दूसरों को
जीवन देता है।
सड़कों पर दूध बहाने वाले,
ये किसान नहीं हो सकते।
हिंसा को भड़काने वाले
ये किसान नहीं हो सकते।
कर्ज में डूबे उस किसान की
क्या हिम्मत है।
घुट-घुटकर मर जाना
उसकी किस्मत है।
बच्चों पर पत्थर बरसाने
वाले ये किसान नहीं हो सकते।
हिंसा को भड़काने वाले
ये किसान नहीं हो सकते।
राजनीति की चौपालों पर लाशें हैं।
इक्का बेगम और गुलाम की ताशें हैं।
लाशों के सौदागर दिखते
ये किसान नहीं हो सकते।
हिंसा को भड़काने वाले
ये किसान नहीं हो सकते।
सीने पर जिसने गोली खाई
निर्दोष था वो।
षडयंत्रों का शिकार जन आक्रोश
था वो।
राजनीति के काले चेहरे,
ये किसान नहीं हो सकते।
हिंसा को भड़काने वाले
ये किसान नहीं हो सकते।
#सुशील शर्मा
परिचय : सुशील कुमार शर्मा की संप्रति शासकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय(गाडरवारा,मध्यप्रदेश)में वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) की है।जिला नरसिंहपुर के गाडरवारा में बसे हुए श्री शर्मा ने एम.टेक.और एम.ए. की पढ़ाई की है। साहित्य से आपका इतना नाता है कि,५ पुस्तकें प्रकाशित(गीत विप्लव,विज्ञान के आलेख,दरकती संवेदनाएं,सामाजिक सरोकार और कोरे पन्ने होने वाली हैं। आपकी साहित्यिक यात्रा के तहत देश-विदेश की विभिन्न पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में करीब ८०० रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। इंटरनेशनल रिसर्च जनरल में भी रचनाओं का प्रकाशन हुआ है।
पुरस्कार व सम्मान के रुप में विपिन जोशी राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान ‘द्रोणाचार्य सम्मान-२०१२’, सद्भावना सम्मान २००७,रचना रजत प्रतिभा
Post Views:
645
Mon Jun 12 , 2017
गौमाता में तैंतीस करोड़ देवताओं का वास है, गौभक्ति से प्रसन्न होते देव ह्रदय में निवास है.. निर्मम हत्या करें जो जन,वो माता के हत्यारे हैंl भू-मंडल पर उनसे पापी और नहीं कोई दूजे हैं, अभिशापित होंगे वे लोग,न मुक्ति उन्हें मिल पाएगी.. जीवन भर तड़पेंगे,मरणोपरांत आत्मा भटकेगीl वध करना […]
वाह | सच है ऐसे किसान नहीं हो सकते है | बेहद सुंदर रचना हुई है |