तन्हाई पर एक गजल

0 0
Read Time53 Second

तन्हाई में तनहा रहते ये क्यू है।
एक दूजे से जुदा रहते ये क्यू है।।

जब याद आ जाती है उनकी कभी कभी।
फिर आंखो से आंसू बहते ये क्यू है।
ये प्यार का रिश्ता या जन्म का रिश्ता है।
फिर दुनिया में रिश्ते ये बदलते क्यू है।।

जब सीने मै बस जाए उनकी धड़कन।
फिर दो दिल धड़कते ये क्यू है।।

गलत फहमी में जब दिल दूर हो।जाते हैं।
फिर भी दिलो में दर्द उठते ये क्यू है।।

रह नहीं सकते जब एक दूजे के बैगेर।
फिर आपस में टकराते ये क्यू है।।

खाते है जब कसम मरने जीने की एक साथ।
रस्तोगी पूछता है,रिश्ते टूटते ये क्यू है।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

क्या कोरोना वायरस ने लाॅकडाउन में लेखन को दिया नया आयाम?

Sun May 24 , 2020
इंदु भूषण बाली Post Views: 506

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।